पेगासस मामले में विशेषज्ञ समिति गठित करने से केंद्र के दुष्प्रचार की हवा निकली : भाकपा सांसद
पेगासस मामले में विशेषज्ञ समिति गठित करने से केंद्र के दुष्प्रचार की हवा निकली : भाकपा सांसद
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) सांसद बिनॉय विश्वम ने बुधवार को कहा कि पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले ने ‘सरकारी दुष्प्रचार की हवा निकाल दी है।’
शीर्ष अदालत ने भारतीय नागरिकों की निगरानी के लिए इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के कथित इस्तेमाल की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति नियुक्त की है।
विश्वम ने अपने ट्विटर हैंडल पर सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने पेगासस मामले में देश के सम्मान को बरकरार रखा। इस फैसले ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुखौटे के साथ सरकारी दुष्प्रचार की हवा निकाल दी। अब, वे आवश्यक तथ्यों से इनकार करके विशेषज्ञ समिति के सामने बाधा डालने की कोशिश कर सकते हैं। मोदी सच्चाई से डरते हैं। वे पेगासस के लिए जीते हैं।’’
लिंक पर क्लिक कर पढ़िए ”दीदार ए हिन्द” की रिपोर्ट
भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि तीन सदस्यीय समिति की अध्यक्षता शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश आर वी रवींद्रन करेंगे।
केंद्र ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए इस मामले में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने से इनकार कर दिया था।
ये याचिकाएं सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रतिष्ठित नागरिकों, नेताओं और पत्रकारों पर इजराइली फर्म एनएसओ के स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके कथित तौर पर जासूसी करने की रिपोर्ट से संबंधित हैं।
भाकपा सांसद ने आगे लिखा, “स्पाइवेयर पेगासस की जननी एनएसओ अब मोदी सरकार के बचाव में उतरने का प्रयास करेगी। इजराइली यहूदीवाद और आरएसएस का हिंदुत्व वैचारिक तौर पर जुड़वां हैं। एनएसओ के लालच ने इजराइल की राजनीति के साथ मिलकर उन्हें भारत में जासूसी करने के लिए प्रेरित किया और मोदी सरकार ने अपने ही नागरिकों की जासूसी के लिए पेगासस के लिए रेड कार्पेट बिछाया। मोदी को ‘शर्म’ आनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “चूंकि वे (केंद्र सरकार) सच्चाई को छिपाना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने संसद में मेरे प्रश्न को अस्थायी रूप से मंजूरी देने के बाद दबा दिया। संसद में पेगासस मामले को उठाने की हमारी जद्दोजहद उच्चतम न्यायालय के फैसले से सही साबित होती है।’’
लिंक पर क्लिक कर पढ़िए ”दीदार ए हिन्द” की रिपोर्ट