उप्र : गोला गोकर्णनाथ उपचुनाव के लिए मतदान बृहस्पतिवार को,..

उप्र : गोला गोकर्णनाथ उपचुनाव के लिए मतदान बृहस्पतिवार को,..

लखनऊ, 02 नवंबर। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले की गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए बृहस्पतिवार को मतदान होगा।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस के इस उपचुनाव से दूरी बनाने के बाद गोला गोकर्णनाथ में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच होता नजर आ रहा है।

चुनाव आयोग के एक अधिकारी के मुताबिक, उपचुनाव के लिए सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक वोट डाले जाएंगे। उपचुनाव में तीन लाख 90 हजार से ज्यादा मतदाता कुल सात प्रत्याशियों के चुनावी भाग्य का फैसला करेंगे।

गोला गोकर्णनाथ सीट छह सितंबर को भाजपा विधायक अरविंद गिरि के दिल का दौरा पड़ने से हुए निधन के कारण रिक्त हुई है।

बसपा और कांग्रेस ने इस उपचुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं खड़े किए हैं। लिहाजा अब यहां भाजपा उम्मीदवार एवं दिवंगत विधायक अरविंद गिरि के बेटे अमन गिरि और इसी सीट से पूर्व में विधायक रह चुके सपा प्रत्याशी विनय तिवारी के बीच सीधा मुकाबला होता दिख रहा है।

गोला गोकर्णनाथ विधानसभा क्षेत्र केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के संसदीय क्षेत्र खीरी में आता है। मिश्रा पिछले साल अक्टूबर में निघासन क्षेत्र के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के बाद विवादों से घिर गए थे।

पिता के निधन के कारण अमन गिरि के पक्ष में सहानुभूति की लहर होने के बावजूद भाजपा इस उपचुनाव में पूरा जोर लगा रही है और प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों समेत 40 स्टार प्रचारकों ने मैदान में उतरकर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान की अपील की। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अमन गिरि के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित किया था।

योगी ने अपने भाषण के दौरान गन्ना किसानों को उनका बकाया मूल्य जल्द से जल्द दिलाने, काशी विश्वनाथ की तर्ज पर क्षेत्र में छोटी काशी कॉरीडोर विकसित करने और मेडिकल कॉलेज बनाने का आश्वासन दिया था।

उन्होंने लोगों से उपचुनाव में अमन गिरि को जिताने की अपील की थी, ताकि वह अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा सकें।

वहीं, सपा की तरफ से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने प्रचार अभियान की अगुवाई की। उनके साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रवि प्रकाश वर्मा और कई पूर्व मंत्रियों ने भी सपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगे। सपा नेताओं ने इस दौरान घर-घर जाकर जनसंपर्क किया।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उपचुनाव में प्रचार नहीं किया।

हालांकि इस उपचुनाव के नतीजों का सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, मगर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और सपा के लिए यह अपनी-अपनी ताकत को आजमाने का मौका जरूर है।

उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 254, जबकि उसके सहयोगी दल-अपना दल-सोनेलाल के 12 और निषाद पार्टी के छह विधायक हैं। इस तरह, भाजपा गठबंधन के पास 272 विधायकों के साथ बहुमत के आंकड़े से कहीं ज्यादा सदस्य हैं।

सपा उम्मीदवार तिवारी ने इससे पहले 2012 में गोला गोकर्णनाथ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। तब तत्कालीन हैदराबाद निर्वाचन क्षेत्र को समाप्त करने के बाद इस निर्वाचन क्षेत्र का गठन किया गया था।

वर्ष 2012 से पहले, खीरी जिले में सात विधानसभा क्षेत्र मोहम्मदी, हैदराबाद, पैला, लखीमपुर, श्रीनगर, निघासन और धौरहरा थे। हालांकि, 2012 में परिसीमन के बाद मोहम्मदी, लखीमपुर, श्रीनगर, निघासन और धौरहरा सीटों को बरकरार रखा गया था, जबकि तीन नए निर्वाचन क्षेत्रों-कस्ता, पलिया और गोला गोकर्णनाथ को जोड़ा गया था। इस तरह, खीरी जिले में अब आठ विधानसभा सीटें हैं।

2012 में गोला गोकर्णनाथ निर्वाचन क्षेत्र में पहले विधानसभा चुनाव के दौरान सपा उम्मीदवार विनय तिवारी ने इस निर्वाचन क्षेत्र का पहला विधायक बनने का गौरव हासिल किया था।

इन चुनावों में विनय तिवारी ने अपनी करीबी प्रतिद्वंद्वी बसपा की सिम्मी बानो को 19,329 मतों के अंतर से हराया था।

विनय तिवारी को 82,439 वोट मिले थे, जबकि सिम्मी बानो के खाते में 63110 मत पड़े थे। उस साल अरविंद गिरि ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और वह 60,871 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे।

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान अरविंद गिरि भाजपा में शामिल हो गए और मोदी-लहर और अपने जमीनी समर्थन के बल पर सपा उम्मीदवार विनय तिवारी पर 55,017 मतों के प्रचंड अंतर से जीत दर्ज की थी।

गोला गोकर्णनाथ में 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा ने सीट बरकरार रखी और गिरि फिर यहां से विधायक चुने गए।

इस क्षेत्र में चुनाव के दौरान गन्ना बकाया भुगतान, फसल खरीद, बाढ़ जैसे किसानों से संबंधित मुद्दे प्रमुख हैं। धान की फसल खराब होने को लेकर अरविंद गिरि कुछ साल पहले कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठ गए थे।

सियासी मीयार की रिपोर्ट

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