हिन्दुस्तान एक ही है उसे देखने का नजरिया चाहिएः नकवी
हिन्दुस्तान एक ही है उसे देखने का नजरिया चाहिएः नकवी
नई दिल्ली, 03 फरवरी। राज्यसभा में उपनेता सदन मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को कहा कि हिन्दुस्तान एक ही है ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ इसे देखने का नजरिया चाहिए। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर जारी चर्चा को आगे बढ़ाते हुए नकवी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष कह रहा है कि दो हिन्दुस्तान हो गए हैं। नकवी ने कहा कि हिंदुस्तान तो एक ही है- एक भारत श्रेष्ठ भारत है- बस इसे देखने का नजरिया चाहिए। जब तक “इंदिरा इज इंडिया- इंडिया इज इंदिरा” की सनक और “कांग्रेस इज कंट्री एंड कंट्री इज कांग्रेस” के सुरूर से बाहर नहीं आएंगे तब तक विपक्षी दल हिंदुस्तान को नहीं समझ पायेंगे और “कांग्रेस के आइसोलेशन को देश का आइसोलेशन बताते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने हाईजैक हो चुकी क्रेडिब्लिटी-कैरेक्टर-कमिटमेंट को बहाल किया। यह सरकार किसी सुपर प्राइम मिनिस्टर के रिमोट के सामने मजबूर नहीं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संविधान-संसद- जनादेश से बंधे “ईमान-इक़बाल और इंसाफ” से भरपूर हैं। यह सरकार किसी परिवार के प्रभाव और दबाव में मजबूर नहीं, दुनिया के सबसे मजबूत जनतंत्र के लोकप्रिय प्रधानमंत्री का यकीन कराती है।
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर हमले की धार को तेज करते हुए शेर पढ़ा। “उस दौरे तरक्की के अंदाज निराले थे। चौतरफा करप्शन, हर ओर घोटाले थे।” उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने कट-कमीशन-करप्शन की विरासत, तुष्टीकरण की सियासत पर विराम लगाया। साथ ही
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राजनैतिक तुष्टीकरण के छल को राष्ट्रीय समावेशी सशक्तिकरण के बल से ध्वस्त किया। दिल्ली की सत्ता के गलियारे से सत्ता के दलालों की नाकेबंदी और लूट लॉबी में तालाबंदी हुई और परिवार की सियासी परिक्रमा संस्कृति को, परिश्रम और परिणाम के संस्कार में बदलने का काम किया गया।
नकवी ने केंद्र सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं की फेहरिस्त गिनाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने सरकारी संसाधनों को आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने को प्राथमिकता दी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का नाम लिए बगैर कहा कि पहले कहा जाता था देश के संसाधनों पर पहला हक़ एक संप्रदाय विशेष का है। किंतु मोदी सरकार ने सम्प्रदाय की सियासी प्राथमिकता को समावेशी विकास से जोड़ने का काम किया।
नकद हस्तांतरण और डिजिटल व्यवस्था से बिचौलियों-लीकेज पर कंट्रोल किया गया और बिना भेदभाव के विकास को प्रभावी किया। यही कारण है कि आज गरीबों तक रुपया पहुंचने में घिसता नहीं पूरा पहुंचता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में जब संकट आया तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संकटकाल में कुशल नेतृत्व देते हुए संकटमोचक की भूमिका निभाई। उन्होंने कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज और सेहत के संपूर्ण संसाधन तैयार किये। इस आपदा काल में कोरोना का कहर आया-तूफान आया-टिड्डियों का हमला और फिसड्डियों का हंगामा रहा। फिर भी प्रधानमंत्री मोदी ने बिना रुके-बिना थके, जान भी जहान भी सुनिश्चित किया।
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