बहुत खौफनाक है प्रधानमंत्री का ट्विटर एकाउंट हैक होना -वीना सुखीजा-

बहुत खौफनाक है प्रधानमंत्री का ट्विटर एकाउंट हैक होना -वीना सुखीजा-

‘भारत ने आखिरकार बिटकाॅइन को लीगल टेंडर के रूप में स्वीकार कर लिया है। सरकार ने आधिकारिक रूप से 500 बिटकाॅइन खरीदे हैं और उन्हें देश के सभी नागरिकों को बांटा जा रहा है।’ इतवार को तड़के 2 बजकर 11 मिनट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी ट्विटर हैंडल से किया गया यह वह ट्वीट था, जिसने इतनी रात के बावजूद सनसनी पैदा कर दी। जाहिर है प्रधानमंत्री मोदी का ट्विटर एकाउंट हैक कर लिया गया था और यह ट्वीट हैकरों ने किया था। मगर पीएमओ कुछ समझ पता इसके पहले ही महज 4 मिनट बाद फिर एक ट्वीट किया गया और यह भी बिल्कुल पहले जैसा ही था। इसमें भी बिटकाॅइन की बात की गई थी और ट्वीट में एक ब्लाॅग लिंक भी शेयर किया गया था, जिसके नीचे एक कैच लाइन थी, ‘द फ्यूचर हैज कम टुडे’। इस ट्वीट के बाद रात मंे ही प्रधानमंत्री का ट्वीट तेजी से रिट्यूट होने लगा और चारो तरफ तरह तरह की बातें होने लगीं। प्रधानमंत्री को फालो करने वाले ज्यादातर लोगों को हालांकि आभास हो गया था कि प्रधानमंत्री मोदी का ट्विटर एकाउंट हैक हो चुका है। लेकिन रात में जब 3 बजकर 18 मिनट पर पीएमओ इंडिया के एकाउंट से प्रधानमंत्री के निजी ट्विटर एकाउंट के हैक होने की जानकारी फ्लैश की गई, साथ में यह भी कहा गया कि प्रधानमंत्री के एकाउंट को दोबारा सुरक्षित रिस्टोर कर लिया गया है और यह भी कि एकाउंट हैक होने के बाद जो ट्वीट एकाउंट से किये गये हैं, उन्हें नजरअंदाज किया जाना चाहिए।

सार्वजनिक की गई इस जानकारी के बाद हड़कंप मच गया। ट्विटर आफिस में आनन-फानन में प्रधानमंत्री के एकाउंट को रिस्टोर करने की कवायद शुरु हो गई और मिनटों में इसे कर भी लिया गया। लेकिन इससे यह डरावनी आशंका तो फैल ही गई कि जब प्रधानमंत्री तक का निजी एकाउंट सुरक्षित नहीं है तो आम आदमी के एकाउंट के सुरक्षित होने की भला क्या गारंटी है? सवाल है इस हैकिंग के पीछे कौन था और उसका क्या उद्देश्य था? हैक करने के बाद एकाउंट से जिस तरह का कंटेंट ट्वीट किया गया, उससे यही अंदाजा लगता है कि या तो यह शरारत क्रिप्टो करेंसी माफिया की है, क्योंकि भारत सरकार ने इसी चल रहे संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो करेंसी पर नियंत्रण के लिए विधेयक लाने वाली है, जिससे बौखलाए क्रिप्टो करंेसी माफिया ने यह हरकत की या फिर भारत के घोषित-अघोषित शत्रु देशों ने हमारे विरूद्ध इंटरनेट युद्ध छेड़ने के लिए हमारी ताकत का जायजा लेने के लिए यह सब किया है।

जिसकी भी यह हरकत हो, लेकिन यह हरकत सिर्फ व्यक्तिगत स्तर पर ही नहीं और न ही किसी एक देश के स्तर पर ही बल्कि हैकरों की यह अदृश्य ताकत पूरी दुनिया के लिए खौफ और खतरे की घंटी है। ऐसा नहीं है कि किसी देश के प्रधानमंत्री या उसके शासन प्रमुख का पहली बार कोई एकाउंट हैक हुआ है। अमरीका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बिडेन, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उसके पहले के राष्ट्रपति बराक ओबामा, माइक्रोसॉफ्ट के पूर्व मुखिया बिलगेट्स, इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेक्सला के मालिक एलन मस्क, अमेजोन के मुखिया जैफ बेजोस और इसी तरह से दुनिया के तीन दर्जन से ज्यादा वीवीआईपी शख्सियतों के ट्विटर एकाउंट पिछले दो सालों में एक या इससे ज्यादा बार हैक हो चुके हैं।

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सिर्फ हैक ही नहीं हो चुके बल्कि हैकरों ने तो कई विश्व प्रसिद्ध पर्सनैलिटीज के एकाउंट से बिटकाॅइन का लालच देकर लाखों डाॅलर कमा चुके हैं। सवाल है आखिर इस तरह की डरावनी घटनाएं किस तरफ इशारा करती हैं। इन घटनाओं का सबसे खौफनाक इशारा एक ऐसी तकनीकी प्रलय की ओर है, जिसका अब के पहले शायद किसी भविष्यवक्ता ने कल्पना ही नहीं की होगी। इसीलिए नाॅस्ट्रोडम से लेकर तमाम दूसरे भविष्यवेत्ताओं ने दुनिया के अंत की अपनी भविष्यवाणियों में इस तकनीकी सूचना प्रलय के जरिये कयामत की कल्पना नहीं की गई वरना यह कम बड़ी आशंका नहीं है।

सूचना इस युग में एक बेहद तीक्ष्ण दोधारी तलवार है। एक तरफ जहां इस तलवार के जरिये दुनिया की तमाम पारंपरिक बाधाओं को झटके में काटकर एक तरफ कर दिया गया है। समय, दूरी, भूगोल आदि सारी बाधाएं और सीमाएं इस सूचना प्रौद्योगिकी के बेहद तीव्र और तीक्ष्ण इस्तेमाल के जरिये बेमतलब हो गई हैं। आज सचमुच दुनिया एक गांव नहीं बल्कि छोटे से मुहल्ले में तब्दील हो गई है। दुनिया की तमाम सभ्यताएं, जीवनशैलियां, कार्य व्यापार सब एक दूसरे में मिलकर एक वैश्विक रूप हो गये हैं। वहीं दूसरी तरफ इसी तीक्ष्ण तलवार की बदौलत एक साथ एक झटके में दुनिया का तहस-नहस भी संभव हो गया है।

इन सबकी तह में या कहें जड़ में सिर्फ और सिर्फ तीव्र सूचना प्रौद्योगिकी है। जिसे हम अलग अलग रूपों में देख रहे हैं। हैकर इस दुनिया के सबसे बड़े और साझे वैश्विक दुश्मन हैं। वास्तव में हैकर भले किसी देश के हों, लेकिन वह महज अपने देश के शत्रुओं के लिए ही खतरनाक नहीं हैं बल्कि ये खुद उन देशों के लिए खतरनाक है, जहां के ये हैं या जहां ये रह रहे हैं। क्योंकि एक बार दुनिया इनकी मुट्ठी मंे आ जाए तो ये फिर अपनी खतरनाक ख्वाहिशों के इशारों पर दुनिया को नचा सकते हैं। आज की तारीख में दुनिया की कोइ ऐसी बड़ी से बड़ी और संवेदनशील से संवेदनशील गतिविधि नहीं है जो अदृश्य, सूचना, सिगनलों से नियंत्रित न होते हों। चाहे हवाई यात्राएं हों या आधुनिक तकनीकी वाले भयानक युद्ध।

ये सबकी सब गतिविधियां इंटरनेट की एक क्लिक से नियंत्रित हैं और यह नियंत्रण अगर किसी दिन किसी भी वजह से गलत दिशा में मुड़ गई तो क्या होगा? मान लीजिए किसी दिन न्यूयार्क स्टाक एक्सचेंज या बाॅम्बे स्टाॅक एक्सचेंज के तमाम ब्रोकरों के ट्विटर एकाउंट में किसी कारपोरेट रिसर्च संस्थान की तरफ से यह ट्वीट कर दिया जाए कि रिलायंस अमरीका की कई बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों मसलन जनरल मोटर्स आदि को खरीद रही है तो देखते ही देखते यह खबर ट्विटर के जरिये पूरी दुनिया में पलक झपकते ही फ्लैश हो जाएगी और लोग रिलायंस के शेयरों पर टूट पड़ सकते हैं। एक झटके में ही रिलायंस कई हजार खरब की पूंजी वाली कंपनी बन सकती है। लेकिन इसका नतीजा क्या होगा? नतीजा यह होगा कि भारत की समूची अर्थव्यवस्था एक झटके में ढह जायेगी।

आज की तारीख में दुनिया का हर व्यापार, कारोबार और राजनीतिक क्रियाकलाप सेंटीमेंट पर निर्भर है। अगर हैकर्स दुनियाभर में सूचनाओं को पलक झपकते पहुंचाने वाले माध्यमों को हैक करके कोई मनमानी सूचना या संभावना फ्लैश कर दी, तो देखते ही देखते दुनिया के तमाम प्रभावशाली लोग, संस्थाएं और व्यक्तिगत लोग भी इस सूचना के झांसे में आ जाएंगे। यह स्थिति बहुत खतरनाक हो सकती है। इसलिए वीवीआईपी लोगों के रह-रहकर हैक हो रहे एकाउंट की हरकतों में भविष्य की भयानक कयामत के पदचाप सुने जाएं और जितना जल्द हो सिर्फ निजी स्तर पर ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के स्तर पर महत्वपूर्ण गतिविधियों को हैकरों की पहुंच से दूर रखने के लिए सुनिश्चित उपाय किये जाएं वरना हैकरों के रूप में यह आतताई लाखों लोगों की अथक मेहनत और कल्पना से बनी खूबसूरत दुनिया को काली, डरावनी रात में बदल देंगे।

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