12 विधायकों की याचिका पर सुनवाई को सहमत हुआ उच्चतम न्यायालय
महाराष्ट्र के 12 विधायकों की याचिका पर सुनवाई को सहमत हुआ उच्चतम न्यायालय
नई दिल्ली, 14 दिसम्बर। उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के 12 भाजपा विधायकों की याचिका पर मंगलवार को विधानसभा और अन्य को नोटिस जारी किये। इन विधायकों ने पीठासीन अधिकारी के साथ कथित दुर्व्यहार के आरोप में एक साल के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित करने को चुनौती दी है।
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने इस संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई की सहमति देते हुए औपचारिक रूप से महाराष्ट्र राज्य सहित सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर उनसे 11 जनवरी तक जवाब मांगा।
शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की कि उठाया गया मुद्दा और याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकीलों और यहां तक राज्य की ओर से दिए गए तर्क ‘बहस’ योग्य है और ‘‘इन पर गंभीरता से विचार’ करने की जरूरत है।
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पीठ ने कहा, ‘‘ परिणामस्वरूप, हम प्रतिवादियों को नोटिस जारी करना उचित समझते हैं जिसका जवाब 11 जनवरी 2022 तक दिया जाए।’’ न्यायालय ने कहा, ‘‘याचिका का लंबित होना याचिकाकर्ता की ओर से सदन से रिट याचिका में उल्लेखित मामले में पुनर्विचार की संभावना को तलाशने में आड़े नहीं आएगा, कम से कम निलंबन की अवधि कम करने के संदर्भ में। यह वह मामला है जिसपर सदन विचार कर सकता है, यदि ऐसी सलाह दी जाती है।’’
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने 22 से 28 दिसंबर के बीच मुंबई में विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आहूत किया है। इन 12 विधायकों ने सदन से एक साल के लिए उन्हें निलंबित करने के आदेश को चुनौती दी है।
इन विधायकों को राज्य सरकार की ओर से उनपर अध्यक्ष के कक्ष में पीठासीन अधिकारी भाष्कर जाधव के साथ कथित ‘ दुर्व्यवहार’ का आरोप लगाए जाने के बाद पांच जुलाई को निलंबित कर दिया गया था। इन 12 विधायकों में संजय कुटे, आशीष शलार, अभिमन्यु पवार, गिरिश महाजन, अतुल भटखाल्कर, पराग अलावाणी, हरीश पिम्पले, योगेश सागर, नारायण कुछे, जय कुमार रावत, राम सतपुते और बंटी भांगडिया शामिल हैं।
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