अफगानिस्तान में इंटरनेट सेवा बंद होने पर भ्रम, झूठे बयान के बाद स्थिति साफ हुई..

अफगानिस्तान में इंटरनेट सेवा बंद होने पर भ्रम, झूठे बयान के बाद स्थिति साफ हुई..

इस्लामाबाद। अफगानिस्तान में इंटरनेट कनेक्टिविटी को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है, क्योंकि कुछ नेटवर्क बुधवार को फिर से चालू हो गए, जो सोमवार से बंद थे।

असोसिएटेड प्रेस (एपी) ने पहले एक बयान की खबर दी थी, जिसमें कहा गया था कि तालिबान ने इंटरनेट बंद होने की घटना को जानबूझकर नहीं बताया और कहा कि पुरानी फाइबर ऑप्टिक केबलें खराब हो गई थीं, जिनकी अब मरम्मत की जा रही है। हालांकि बाद में यह पता चला कि यह बयान झूठा था।

तालिबान कभी-कभी पाकिस्तानी पत्रकारों से संवाद करने के लिए एक व्हाट्सएप समूह का इस्तेमाल करते हैं। यह झूठा बयान उस समूह के कुछ सदस्यों को व्यक्तिगत रूप में भेजा गया था लेकिन इसे समूह में नहीं डाला गया था। यह संदेश एक अफगान उपयोगकर्ता ने भेजा था, जिसका नाम तालिबान के आधिकारिक व्हाट्सएप समूह के नाम से मिलताजुलता था।

संदेश भेजने वाला यह व्यक्ति गायब हो गया है और उसकी पहचान का पता नहीं चल सका। वही बयान सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर भी पोस्ट किया गया था लेकिन वह तालिबान के बजाय तालिबान समर्थक द्वारा चलाए गए एक अकाउंट से था।

इंटरनेट की बंदी के कारण एपी के लिए फाइबर ऑप्टिक केबल की मरम्मत पर और जानकारी हासिल करने के वास्ते तालिबान के प्रवक्ता से संपर्क करना मुश्किल था।

बुधवार को झूठे बयान के कुछ घंटों बाद तालिबान के व्हाट्सएप समूह ने इंटरनेट सेवा पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी, जिसमें कहा गया कि मोबाइल फोन सेवा धीरे-धीरे फिर से चालू हो रही है। एपी ने समूह के प्रशासन से पुष्टि की कि यह नया बयान सही था।

इसमें दूरसंचार विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वे लगातार सेवा को पूरी तरह से बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं।

इंटरनेट निगरानी समूह नेटब्लॉक्स ने बुधवार को ‘एक्स’ पर एक अपडेट पोस्ट किया, जिसमें कहा गया, ‘लाइव नेटवर्क डेटा दिखा रहा है कि अफगानिस्तान में इंटरनेट कनेक्टिविटी फिर से बहाल हो गई है, जो दो दिन के ‘ब्लैकआउट’ के बाद हुआ है।’

नेटब्लॉक्स ने सोमवार को बताया था कि अफगानिस्तान में इंटरनेट पूरी तरह से ठप हो गया था और फोन सेवाएं भी प्रभावित हुई थीं। इससे बैंकिंग, व्यापार और हवाई सेवाएं बाधित हो गई थीं।

अफगान एयरलाइन काम एयर ने टोलो न्यूज को बताया कि वह बुधवार को काबुल के लिए अपनी उड़ानें फिर से शुरू कर सकता है क्योंकि सोमवार से यह पूरी तरह से बंद थीं।

मानवाधिकार संगठन ‘सेव द चिल्ड्रन’ ने कहा कि इंटरनेट सेवा ठप (ब्लैकआउट) होने के कारण मानवीय कार्यों में समस्याएं आ रही हैं और उन्होंने अधिकारियों से कनेक्टिविटी बहाल करने का अनुरोध किया है।

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टेफान डुजारिक ने कहा कि तालिबान ने इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी लेकिन बिना किसी स्पष्टीकरण के इसे फिर से बहाल भी कर दिया। उन्होंने कहा कि यह कटौती अफगान जनता, आर्थिक स्थिरता, महिलाओं और लड़कियों की स्थिति और अफगान नागरिकों के अधिकारों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती थी।

यह बयान उन्होंने तब दिया जब संयुक्त राष्ट्र ने पुष्टि की कि लगभग 48 घंटे की सेवा बंदी के बाद इंटरनेट सेवा अब फिर से पूरी तरह बहाल हो गई है।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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