नवजात शिशु ने उड़ा दी रातों की नींद? बच्चे को रातभर सुलाए रखने में मदद करेंगे ये 5 टिप्स..
नवजात शिशु ने उड़ा दी रातों की नींद? बच्चे को रातभर सुलाए रखने में मदद करेंगे ये 5 टिप्स..

पहली बार मां बनने का अनुभव जितना खूबसूरत होता है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी। बच्चे के जन्म के बाद मां को हार्मोनल बदलाव, थकान और नई जिम्मेदारियों से जूझना पड़ता है। वहीं नवजात शिशु का सोने-जागने का पैटर्न इतना अनियमित होता है कि मां को आराम करने का वक्त ही नहीं मिलता।
दरअसल, नवजात शिशुओं की नींद बेहद कच्ची होती है। वे कुछ घंटों के अंतराल पर दूध पीने या असहजता के कारण जाग जाते हैं। लेकिन कुछ उपाय अपनाकर आप बच्चे को रात में ज्यादा देर तक सुलाने में मदद कर सकती हैं।
- दिन और रात का फर्क समझाएं
नवजात शिशु को दिन और रात का फर्क नहीं पता होता।
दिन में कमरे को रोशनीदार और शोर वाला रखें।
रात को कमरे में हल्की रोशनी और शांति रखें।
धीरे-धीरे बच्चा सीख जाता है कि रात आराम करने का समय है।
- सोने से पहले फीडिंग करें
शिशु का पेट भरा होगा तो वह ज्यादा देर तक आराम से सो पाएगा।
सोने से पहले बच्चे को दूध पिलाएं।
यदि बच्चा ब्रेस्टफीड पर है, तो दोनों तरफ से फीड कराएं।
खाली पेट बच्चा बार-बार जागेगा।
- सोने का रूटीन बनाएं
हर दिन एक तय समय पर बच्चे को सुलाने की कोशिश करें।
हल्की मालिश, नरम लोरी या शांत संगीत सुनाएं।
स्वैडलिंग (कपड़े में लपेटना) भी बच्चे को सुरक्षा का एहसास देता है।
रूटीन से बच्चे को संकेत मिलते हैं कि अब सोने का समय है।
- नींद के लिए आरामदायक माहौल दें
कमरे का तापमान न ज्यादा ठंडा हो, न ज्यादा गर्म।
बच्चे का बेड साफ और आरामदायक हो।
तेज आवाज और रोशनी से बचाएं।
सुकून भरा माहौल नींद को गहरा करता है।
- बच्चे के छोटे-छोटे संकेत पहचानें
बच्चे अक्सर नींद आने पर आंखें मलना, जम्हाई लेना या चिड़चिड़ापन दिखाते हैं।
इन संकेतों को पहचानकर समय पर सुलाएं।
देर करने पर बच्चा ओवरटायर्ड हो जाता है और फिर सोने में दिक्कत होती है।
निष्कर्ष
नवजात शिशु का नींद पैटर्न शुरू में अनियमित होना सामान्य है। धैर्य, सही रूटीन और आरामदायक माहौल देकर आप बच्चे को रातभर चैन की नींद सुला सकते हैं। इससे न सिर्फ बच्चे का विकास बेहतर होगा, बल्कि मां और परिवार को भी पर्याप्त आराम मिल पाएगा।
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। बच्चे के स्वास्थ्य और नींद संबंधी किसी भी समस्या के लिए बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट


