पुतिन की नाटो को खुली धमकी: यूक्रेन में विदेशी सैनिक बनेंगे रूसी सेना का वैध निशाना…
पुतिन की नाटो को खुली धमकी: यूक्रेन में विदेशी सैनिक बनेंगे रूसी सेना का वैध निशाना…

मॉस्को, 07 सितंबर। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के लिए पश्चिमी देशों द्वारा प्रस्तावित सुरक्षा गारंटी को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने नाटो देशों को खुली चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर यूक्रेन में विदेशी सैनिक तैनात किए गए, तो वे रूसी सेना के लिए “वैध निशाना” होंगे और उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। पुतिन का यह सख्त रुख एक दिन बाद आया है, जब कई नाटो देशों ने रूस-यूक्रेन के बीच शांति समझौते की स्थिति में यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी के तौर पर सैनिक भेजने की बात कही थी।
‘कोलिशन ऑफ विलिंग’ नामक 35 देशों के शिखर सम्मेलन में गुरुवार को 26 देशों ने यूक्रेन को सुरक्षा प्रदान करने के लिए अपनी सेनाएं भेजने पर सहमति व्यक्त की। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस दौरान कहा कि इन 26 देशों ने औपचारिक रूप से वादा किया है कि युद्धविराम होने के तुरंत बाद वे जमीन, समुद्र या हवा के रास्ते यूक्रेन की सुरक्षा के लिए सैनिक भेजेंगे।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, पुतिन ने शुक्रवार को स्पष्ट शब्दों में कहा, “अगर यूक्रेन में लड़ाई के दौरान विदेशी सैनिक दिखाई देते हैं, तो वे हमारा वैध निशाना होंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन में विदेशी सैनिकों की तैनाती दीर्घकालिक शांति के लिए ठीक नहीं है। पुतिन ने जोर देकर कहा कि रूस और यूक्रेन दोनों के लिए सुरक्षा गारंटी सुनिश्चित की जानी चाहिए, लेकिन कीव की ओर से गंभीरता की बजाय सिर्फ पैंतरेबाजी हो रही है।
पुतिन ने इस बात पर भी जोर दिया कि पश्चिमी देशों के साथ यूक्रेन के करीबी सैन्य संबंध फरवरी 2022 में शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध के मूल कारणों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे फैसले लिए जाते हैं जो शांति की ओर ले जाते हैं, तो उन्हें यूक्रेन में पश्चिमी सैनिकों की मौजूदगी का कोई मतलब नहीं दिखता। इसके विपरीत, उनकी मौजूदगी शांति में एक बड़ी बाधा बनेगी।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने भी पुतिन के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि “हम इसे अपने लिए खतरा मानेंगे।” उन्होंने कहा कि हमारी सीमा के पास यूक्रेनी धरती पर किसी भी अंतरराष्ट्रीय बल, विदेशी सेना या नाटो बलों की मौजूदगी हमें बर्दाश्त नहीं होगी। पेसकोव ने यह भी कहा कि 2022 में इस्तांबुल में हुई शांति वार्ता में यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी शामिल थीं और इसलिए विदेशी बलों का कोई मतलब नहीं है।
दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट


