जानिए, लाश जलाने के बाद श्म्शान से लौटते समय क्यों नहीं देखा जाता है मुड़कर…
जानिए, लाश जलाने के बाद श्म्शान से लौटते समय क्यों नहीं देखा जाता है मुड़कर…

हिंदू धर्म में मान्येता है कि शव के दाह संस्काषर के बाद लौटते समय पीछे मुड़ कर नहीं देखना चाहिए। श्विशान में शव को जलाकर लौटते हुए हम ऐसा ही करते हैं लेकिन इसके हम आपको बताएंगे कि पीछे मुड़ कर न देखन के पीछे क्याल धार्मिक कारण हैं। पुराणों में बताया गया बताया गया है कि मृत्यूय कके बाद भी कुछ लोगों को उनके कर्मों के काराण मुक्ति नहीं मिलती और अपने कर्मों के कारण उनकी आत्म भटकती रहती है। हिन्दू धर्म के सोलह संस्कारों में अंतिम संस्कार है दाह संस्कार। इस संस्कार में धरती पर अपने जीवन काल को पूरा करने लेने के बाद जब व्यक्ति की आत्मा शरीर को त्यागकर वापस अन्य शरीर में प्रवेश के लिए चली जाती है।
इसके बाद मृत शरीर का अंतिम संस्कार किया जाता है। हिंदू धर्म की मान्यिताओं के अनुसार अंतिम संस्कार में वेद मंत्रों के साथ शव को अग्नि के हवाले कर दिया जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि अग्नि में भष्म होने के बाद शरीर जिन पंच तत्वों से बना है उन पंच तत्वों में जाकर वापस मिल जाता है। लेकिन आत्मा को अग्नि जला नहीं सकती है इसिलए आत्मा का अस्तित्व देह के जल जाने के बाद भी मौजूद होता है और वह मृत्यु से लेकर मृतक संस्कार तक के सारे कर्मों को खुद अपनी आंखों से देखता है। इस स्थिति में आत्मार शरीर की खोज करने लगती है और मौका मिलते ही किसी के शरीर में भी प्रवेश कर जाती है।
जानिए, क्यों नहीं मिलती आत्माो को मुक्ति…
कुछ व्यक्तियों की आत्मा शरीर का त्याग करने के बाद इस धरती से अपने कर्मों का फल भोगने चली जाती है लेकिन कुछ व्यक्तियों की आत्मा इसी धरती पर भटकती रहती है। परिजनों के आस-पास भटकती आत्मा पुराणों में बताया गया है कि मृत्यु के बाद भी कुछ लोगों की आत्मा का अपने परिवार के सदस्यों के साथ मोह बना रहता है। आत्मा के मोहग्रस्त होने पर व्यक्ति की आत्मा अपने परिजनों के आस-पास भटकती रहती है। इस स्थिति में व्यक्ति को मुक्ति नहीं मिल पाती है और उसे कष्ट भोगना पड़ता है। शव दाह संस्कार करके मृत व्यक्ति की आत्मा को यह संदेश दिया जाता है कि अब तुम्हारा जीवित लोगों से और तुम्हारे परिजनों से संबंध तोड़ने का समय आ गया है। मोह के बंधन से मुक्त होकर मुक्ति के लिए आगे बढ़ो। शवदाह संस्कार के बाद घर लौटते समय वापस पीछे मुड़कर देखने पर आत्मा का अपने परिवार के प्रति मोह टू नहीं पाता है। दूसरी ओर पीछे मुड़कर देखने का मतलब यह भी होता है कि मृत व्यक्ति के प्रति आप में भी मोह बना हुआ है। इसलिए मोह से मुक्ति के लिए शवदाह संस्कार के बाद लौटते समय पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए।
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