आयुष को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई योजनाओं पर संवाद, मंत्रालयों ने साझा किया विकास का रोडमैप…
आयुष को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई योजनाओं पर संवाद, मंत्रालयों ने साझा किया विकास का रोडमैप…

नई दिल्ली, 18 जुलाई । आयुष निर्यात संवर्धन परिषद (आयुष ईएक्ससीआईएल) ने “विकास को बढ़ावा देना: आयुष उद्योग के लिए एसएमई योजनाएं और अवसर” विषय पर एक ज्ञानवर्धक औद्योगिक संवाद सत्र का आयोजन किया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ और आयुष मंत्रालय के सहयोग से आयोजित हुआ, जिसका उद्देश्य आयुष क्षेत्र में सतत विकास, नवाचार और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) अवसरों को बढ़ावा देना था।
इस औद्योगिक संवाद सत्र में कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और क्षेत्रीय विशेषज्ञों ने भाग लिया। प्रमुख अतिथियों में आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के सचिव एससीएल दास और आयुष मंत्रालय की सलाहकार कौस्तुभा उपाध्याय शामिल थे।
कार्यक्रम की शुरुआत कौस्तुभा उपाध्याय की ओर से आयुष क्षेत्र में एमएसएमई की भूमिका और संभावनाओं पर प्रकाश डालने के साथ हुई। इसके बाद एमएसएमई मंत्रालय की संयुक्त सचिव अनुजा बापट ने एक जानकारीपूर्ण प्रस्तुति दी, जिसमें आयुष-केंद्रित उद्यमों का समर्थन करने के लिए तैयार की गई विभिन्न योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की गई।
राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) के सीईओ प्रोफेसर महेश कुमार दाधीच ने आयुष क्षेत्र में सी बकथॉर्न की क्षमता और संभावनाओं पर एक प्रस्तुति दी। छत्तीसगढ़ की निवेश आयुक्त रितु सैन ने आयुष उद्योग से संबंधित राज्य-स्तरीय निवेश के अवसरों को प्रदर्शित किया।
इस अवसर पर वैद्य राजेश कोटेचा और एससीएल दास ने आयुष उद्योग में गुणवत्ता मानकों, नवाचार और स्केलेबिलिटी (विस्तार क्षमता) के महत्व को रेखांकित किया।
कार्यक्रम का मूल संदेश यह रहा कि एमएसएमई योजनाएं आयुष उद्योग को नवाचार, रोजगार सृजन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। इस सत्र ने आयुष क्षेत्र में सहयोग, नीतिगत समर्थन और विकासोन्मुख दृष्टिकोण को मजबूती से रेखांकित किया।
दीदारे ए हिन्द की रीपोर्ट