ईरान कर सकता है डर्टी बम का उपयोग, पूरी दुनिया पर दिखेगा असर…
ईरान कर सकता है डर्टी बम का उपयोग, पूरी दुनिया पर दिखेगा असर…

वॉशिंगटन, 18 जून पूर्व पेंटागन अधिकारी माइकल रूबिन के एक सनसनीखेज दावे ने वैश्विक चिंताओं को और बढ़ा दिया है। रूबिन ने चेतावनी दी है कि इजरायल के लगातार हमलों से कमजोर हो रही ईरान की सैन्य और परमाणु संरचनाएं तेहरान को एक खतरनाक कदम उठाने के लिए मजबूर कर सकती हैं। उनका कहना है कि ईरान रेडियोलॉजिकल ‘डर्टी बॉम्ब’ का इस्तेमाल कर इजरायल के शहरों को निशाना बना सकता है। यह दावा न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है, बल्कि वैश्विक समुदाय के लिए भी एक गंभीर चेतावनी है।
‘डर्टी बॉम्ब’ एक ऐसा हथियार है जो पारंपरिक विस्फोटकों के साथ रेडियोधर्मी पदार्थों को मिलाकर बनाया जाता है। यह परमाणु बम जितना विनाशकारी नहीं होता, लेकिन इसके रेडियोधर्मी कण बड़े पैमाने पर प्रदूषण फैलाकर लोगों में दहशत पैदा कर सकते हैं और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं। रूबिन का दावा उस समय सामने आया है, जब इजरायल ने ईरान की परमाणु सुविधाओं और सैन्य ठिकानों पर भारी हवाई हमले किए हैं। इन हमलों के जवाब में ईरान ने भी इजरायल पर भारी मिसाइलें दागी हैं।
रिपोर्ट के अनुसार ईरान ने इजरायल के खिलाफ जवाबी हमलों में 150 से अधिक मिसाइलें दागी थीं, जिसके बाद इजरायल ने भी पलटवार किया। इस सैन्य तनातनी ने पूरे क्षेत्र को युद्ध के कगार पर ला खड़ा किया है। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था ने दिसंबर 2024 में चेतावनी दी थी कि ईरान ने यूरेनियम को 60 प्रतिशत तक संवर्धित करने की गति बढ़ा दी है, जो हथियार-ग्रेड स्तर के करीब है। यह संवर्धित यूरेनियम तीन परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त हो सकता है। हालांकि, डर्टी बॉम्ब के लिए जरूरी रेडियोधर्मी सामग्री इससे अलग हो सकती है और विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान के पास ऐसी सामग्री पहले से मौजूद हो सकती है।
अमेरिका ने इस संभावित खतरे को गंभीरता से लिया है। वाशिंगटन ने इजरायल को ईरान की संभावित जवाबी कार्रवाइयों के प्रति आगाह किया है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियां ईरान के सैन्य और परमाणु कार्यक्रमों पर करीबी नजर रख रही हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज कर दिए हैं, लेकिन ईरान की ओर से किसी भी अप्रत्याशित कदम की आशंका बनी हुई है। हालांकि कुछ विशेषज्ञ रूबिन के दावे पर सवाल भी उठा रहे हैं। कहा गया कि डर्टी बॉम्ब का इस्तेमाल ईरान के लिए जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि इससे वैश्विक समुदाय का गुस्सा तेहरान के खिलाफ और भड़क सकता है। इसके अलावा ईरान की प्राथमिकता अभी भी अपने परमाणु कार्यक्रम को बचाने और क्षेत्रीय प्रभाव बढ़ाने की है न कि ऐसे हथियारों का इस्तेमाल करने की जो उसकी साख को और नुकसान पहुंचा सकते हैं।
दीदार ए हिन्द की रिपोर्ट


