600 से ज्यादा जिलों में महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप तेजी से बढ़ रहे आगे: जितिन प्रसाद..
600 से ज्यादा जिलों में महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप तेजी से बढ़ रहे आगे: जितिन प्रसाद..
नई दिल्ली, 10 दिसंबर। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारत के टेक इकोसिस्टम में 600 से ज्यादा जिलों में महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन जिलों में आधे से ज्यादा स्टार्टअप महिलाओं के नेतृत्व में चल रहे हैं।
उन्होंने भारत मंडपम में इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (आईआईजीएफ) के चौथे संस्करण का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।
इस साल की थीम, ‘इनोवेटिंग इंटरनेट गवर्नेंस फॉर इंडिया’, सस्टेनेबल, इंक्लूसिव और न्यायसंगत विकास के लिए इंटरनेट का लाभ उठाने के लिए देश की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालती है।
उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि सरकारी पहलों ने डिजिटल डिवाइड को कम किया है, ग्रामीण समुदायों तक टेक्नोलॉजी पहुंचाई है और सभी के लिए अवसर पैदा किए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “आज हमारे 95 प्रतिशत गांव 3जी-4जी कनेक्टिविटी से जुड़े हैं और हमारा स्टार्टअप इकोसिस्टम 600 से अधिक जिलों तक पहुंच चुका है, जिनमें से आधे से अधिक का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि भारत डिजिटल क्षेत्र में भारत की परिवर्तनकारी यात्रा अभूतपूर्व है। दुनिया के लिए एक मॉडल हैं। 1.4 अरब से अधिक नागरिकों और लगभग 1 अरब इंटरनेट यूजर्स के साथ, भारत एक जीवंत डिजिटल अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है, जिसने इनोवेशन में वैश्विक मानक स्थापित किए हैं।
उन्होंने कहा, “पिछले दशक में भारत की परिवर्तनकारी यात्रा, जिसमें यूपीआई, आधार और भारत नेट परियोजना जैसी सफलताएं शामिल हैं, अन्य देशों के लिए एक मॉडल के रूप में काम करती है।”
राज्य मंत्री ने इक्वैलिटी, ट्रांसपेरेंसी और सस्टेनेबिलिटी के मूल्यों को प्रतिबिंबित करने वाली डिजिटल नीतियों को आकार देने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत पर बल दिया।
केंद्रीय मंत्री ने भारत को एआई में ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित करने के सरकार के दृष्टिकोण को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य भारत में एआई बनाना और एआई को भारत के लिए उपयोगी बनाना है, साथ ही एआई को सभी के लिए उपयोगी बनाना है।”
यह कार्यक्रम संवाद और कार्रवाई के लिए एक जीवंत मंच था, जिसमें नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के नेताओं और नागरिक समाज ने इंटरनेट शासन के भविष्य पर चर्चा की।
दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट