10 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका का अंतिम निस्तारण 10 दिसंबर को
गोवा के 10 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका का अंतिम निस्तारण 10 दिसंबर को
पणजी, 22 नवंबर। गोवा कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर द्वारा साल 2019 में पार्टी छोड़ने वाले 10 कांग्रेस विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका को 10 दिसंबर को अंतिम रूप से निपटारा करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। चोडनकर के वकील और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।
गोवा में बॉम्बे हाईकोर्ट की बेंच के सामने पेश हुए तन्खा ने यह भी कहा कि एक अन्य क्षेत्रीय पार्टी गोवा फॉरवर्ड ने सोमवार को चोडनकर द्वारा दायर याचिका के समर्थन में एक और याचिका दायर की और उच्च न्यायालय ने 10 विधायकों और अध्यक्ष राजेश पाटनेकर को प्रतिक्रिया के लिए नए नोटिस जारी किए।
वकील ने कहा कि दोनों याचिकाओं को निपटाने के लिए एक साथ जोड़ दिया गया है। तंखा ने कहा, अध्यक्ष के वकील, महाधिवक्ता मौजूद थे और अब (मामला) 10 दिसंबर को अंतिम निपटान के लिए सूचीबद्ध है। इससे पहले, सभी पक्षों को अपनी दलीलें पूरी करनी हैं। 10 दिसंबर को हाईकोर्ट सबकी सुनेगा।
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चोडनकर ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि कांग्रेस के 10 विधायकों का विभाजन और उनका भाजपा में विलय अवैध था और संविधान की अनुसूची 10 के प्रावधानों का उल्लंघन था।
स्पीकर पाटनेकर द्वारा मौखिक आदेश में इस साल अप्रैल में दस विधायकों के खिलाफ चोडनकर द्वारा दायर अयोग्यता याचिका को खारिज करने के बाद चोडनकर ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। तन्खा ने कहा कि लोकतंत्र में दलबदल एक अभिशाप है और कहा कि सभी दलों को एक साथ आकर इस खतरे को खत्म करना चाहिए।
तन्खा ने कहा, लेकिन हमने उच्च न्यायालय में जो कहा है, उससे परे, मैं लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता, एक नैतिक सरकार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दोहराना चाहूंगा। मैं, व्यक्तिगत रूप से और मेरी पार्टी का मानना है कि कोई दलबदल नहीं होना चाहिए और दलबदल एक बीमारी है। यह एक ऐसा अभिशाप है जिसने हमारे लोकतंत्र को बर्बाद कर दिया और बदनाम किया है।
उन्होंने कहा, इसलिए हमें स्वच्छ और अच्छा प्रशासन और शासन देने के लिए एक राजनीतिक दल के रूप में अपनी शक्ति के भीतर सब कुछ करना चाहिए और एक दलबदलू मुक्त सरकार बनानी चाहिए।
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