हौसले और हुनर की नई बानगी पेश की विश्व चैम्पियन किक बॉक्सर तजामुल इस्लाम ने
हौसले और हुनर की नई बानगी पेश की विश्व चैम्पियन किक बॉक्सर तजामुल इस्लाम ने
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर। आतंकवाद के साये में बीते बचपन और कदम दर कदम नई चुनौतियों का डटकर सामना करते हुए जम्मू कश्मीर की तजामुल इस्लाम ने महज 13 वर्ष की उम्र में मिस्र में किक-बॉक्सिंग विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर हौसले और हुनर की एक नई नज़ीर पेश की है।
इन खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने 11 स्वर्ण, आठ रजत और सात कांस्य सहित कुल 26 पदक जीते लेकिन इसमें तजामुल की कहानी सबसे प्रेरणादायी है।
जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा की 13 साल की इस खिलाड़ी के लिए विश्व चैम्पियनशिप में यह दूसरा स्वर्ण पदक है। उन्होंने इससे पहले 2016 में इटली में आयोजित विश्व चैम्पियनशिप में सब जूनियर वर्ग का खिताब जीता था।
आतंकवाद से जूझते इस केन्द्र शासित प्रदेश में उन्होंने अपने प्रदर्शन से महिलाओं को कुछ कर दिखाने का हौसला भी दिया है।
तजामुल के लिये यह सफर हालांकि इतना आसान नहीं था। उन्होंने पांच साल की उम्र में जब इस खेल से जुड़़ने का मन बनाया तो चोट लगने के डर से उनके पिता इसके लिए तैयार नहीं हुए , लेकिन वह अपनी मां को मनाने में सफल रही। फिर उनके पिता भी इसके लिए तैयार हो गये। उनके पिता ड्राइवर हैं जबकि मां गृहणी है।
राज्य में मुश्किल परिस्थितियां भी उनके हौसले को कम नहीं कर सकीं और कई तरह की अवधारणाओं को तोड़ते हुए उन्होंने 2015 में जम्मू में पहली बार राज्य स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।
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सब जूनियर वर्ग में वह स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही प्रतियोगिता की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी चुनी गयीं। इस सफलता के बाद उन्हें परिवार का पूरा साथ मिला और वह खेल में आगे बढ़ते चली गयीं। उन्होंने इसी साल राष्ट्रीय स्तर पर सब जूनियर खिताब अपने नाम किया और फिर आगे चल कर विश्व चैम्पियन (सब जूनियर) बनीं।
छोटी उम्र में बड़ी सफलता के बाद तजामुल इस खेल को लेकर घाटी में लोगों की मानसिकता बदलने में सफल रहीं। वह वहां किसी सितारे की तरह बन गयीं। उन्होंने बांदीपोरा में किक-बॉक्सिंग की अपनी अकादमी खोली है जिसका नाम हैदर स्पोर्ट्स अकादमी है। इसमें आस-पास के गांव की सैकड़ों लड़कियां अभ्यास के लिये आती है।
तजामुल ने मिस्र में स्वर्ण पदक जीतने के बाद तिरंगे के साथ जश्न मनाने की तस्वीर पोस्ट की जिसके बाद जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी उन्हें बधाई दी।
सिन्हा ने तजामुल की तस्वीर के साथ ट्वीट किया, ‘‘बांदीपोरा की तजामुल इस्लाम को मिस्र के काहिरा में आयोजित विश्व किक-बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2021 में स्वर्ण पदक जीतकर में इतिहास रचने के लिए बहुत-बहुत बधाई। हमारी इस युवा किक-बॉक्सिंग चैंपियन ने पिछले कुछ वर्षों में शानदार प्रदर्शन किया है।’’
तजामुल का लक्ष्य ओलंपिक में देश का नाम रोशन करना है। खास बात यह है कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के 138वें सत्र में किक-बॉक्सिंग को मान्यता मिल गयी है जिससे भविष्य में यह खेल ओलंपिक का हिस्सा बन सकता है।
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