सूडान: आरएसएफ और एसएएफ संघर्ष छिड़ने के बाद से 13 पत्रकारों की मौत…

सूडान: आरएसएफ और एसएएफ संघर्ष छिड़ने के बाद से 13 पत्रकारों की मौत…

पोर्ट सूडान, 03 नवंबर । सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच 5 अप्रैल, 2023 को संघर्ष छिड़ने के बाद से कम से कम 13 पत्रकार मारे गए हैं। सूडानी पत्रकार सिंडिकेट ने यह जानकारी दी है।

सिंडिकेट ने एक बयान में कहा, “सूडान में युद्ध छिड़ने के बाद से, पत्रकारों के विरुद्ध उल्लंघन अभूतपूर्व तरीके से बढ़ गए हैं, दो महिलाओं सहित 13 पत्रकार मारे गए हैं।”

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सिंडिकेट ने कहा कि तीन महिलाओं सहित 11 अन्य पत्रकारों पर शारीरिक हमले किए गए और उन्हें चोटें भी आईं, इसके अलावा यौन उत्पीड़न का एक मामला भी सामने आया।

बयान के अनुसार, कुल 30 पत्रकार, जिनमें 10 महिलाएं हैं, गोलाबारी का शिकार हुए, जिसमें पत्रकारों के 15 रिश्तेदार मारे गए और उनके घरों को भारी नुकसान पहुंचा।

सिंडिकेट ने अपहरण और जबरन हिरासत के 60 मामलों का हवाला दिया, जिनमें नौ महिला पत्रकार भी शामिल थीं। इसके अलावा पत्रकारों के काम में बाधा डालने और उनकी आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने की छह शिकायतें भी शामिल थीं।

बयान के अनुसार, व्यक्तिगत धमकियों के 58 मामले दर्ज किए गए। इनमें 26 में पीड़ित महिला पत्रकार थीं। शारीरिक हमले और संपत्ति की लूट के 27 मामले दर्ज किए गए, इनमें तीन में पीड़ित महिला पत्रकार थीं।

सिंडिकेट ने कहा, “सूडानी पत्रकारों के सामने जो समस्याएं हैं, उसके लिए आंतरिक और बाह्य दोनों स्तर पर संबंधित प्राधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी, ताकि हमलावरों को जवाबदेह ठहराया जा सके और उन पत्रकारों को जरूरी सुरक्षा प्रदान की जा सके, जो सच्चाई की रिपोर्ट करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं।”

सिंडिकेट ने संघर्ष में शामिल दोनों पक्षों से उन अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करने की अपील की जो पत्रकारों को नागरिक के रूप में संरक्षण प्रदान करते हैं और उनके कामकाज के दौरान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।

सिंडिकेट ने संबंधित क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पक्षों से प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने, हमलावरों को जवाबदेह ठहराने के कोशिशों का समर्थन करने और सूडानी पत्रकारों को खतरों से बचाने की अपील की, ताकि वे दुनिया को सच्चाई बता सकें।

सूडान में चल रहे संघर्ष ने सैकड़ों पत्रकारों, पुरुषों और महिलाओं को सुरक्षा की तलाश में संघर्ष क्षेत्रों या देश से भागने पर मजबूर कर दिया है।

फरवरी से, खार्तूम के बड़े इलाकों में इंटरनेट और मोबाइल फोन सेवाएं बाधित हैं, जिससे उन क्षेत्रों में पत्रकारों का काम प्रभावित हो रहा है।

आर्म्ड कॉन्फ्लिक्ट लोकेशन एंड इवेंट डाटा प्रोजेक्ट की ओर से 14 अक्टूबर को जारी की गई सिचुएशन रिपोर्ट के अनुसार, इस घातक संघर्ष के परिणामस्वरूप 24,850 से अधिक मौतें हुई हैं।

इंटरनेशनल माइग्रेशन ऑर्गेनाइजेशन की ओर से 29 अक्टूबर को जारी नवीनतम अनुमानों के अनुसार, संघर्ष ने सूडान के अंदर या बाहर 14 मिलियन से अधिक लोगों को विस्थापित किया है।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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