सीरिया : एचटीएस लीडर की संयुक्त राष्ट्र के दूत से मुलाकात, देश में राजनीतिक परिवर्तन पर की चर्चा….
सीरिया : एचटीएस लीडर की संयुक्त राष्ट्र के दूत से मुलाकात, देश में राजनीतिक परिवर्तन पर की चर्चा….
दमिश्क,। विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेता अहमद अल-शरा ने दमिश्क में सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गीर पेडरसन के साथ बैठक की। स्थानीय अल-वतन ऑनलाइन समाचार आउटलेट के एक बयान के मुताबिक दोनों के बीच राजनीतिक परिवर्तन पर चर्चा हुई।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अल-शरा ने कहा कि सीरिया के राजनीतिक परिवर्तन के संबंध में 2015 में अपनाए गए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 को अब देश की वर्तमान वास्तविकताओं के मुताबिक अपडेट करने की जरुरत है। उन्होंने सीरिया के नए नेतृत्व और उभरती परिस्थितियों के साथ तालमेल बैठाते हुए एक ‘नया नजरिया’ अपनाने की अपील की।
अल-शरा को अबू मोहम्मद अल-जुलानी के नाम से भी जाना जाता है।
बैठक के दौरान, अल-शरा ने सीरियाई नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने, देश की क्षेत्रीय एकता को बहाल करने, पुनर्निर्माण और आर्थिक विकास का रास्ता बनाने क लिए ‘तेज और प्रभावी’ सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला।
एचटीएस नेता ने शरणार्थियों की वापसी के लिए सुरक्षित माहौल बनाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए ‘बड़ी सावधानी’ के साथ काम किया जा रहा है और विशेष टीमों इसकी निगरानी कर रही हैं।
वहीं, पेडरसन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र देश में तेजी से विकसित हो रहे हालात पर करीबी नजर रख रहा है और पूर्व सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद को हटाए जाने के बाद राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में अगले कदम की प्रतीक्षा कर रहा है।
इससे पहले पहले दमिश्क में पत्रकारों से बात करते हुए, पेडरसन ने इस बात पर जोर दिया की सीरियाई राज्य संस्थाओं को सुरक्षित माहौल में अपना कामकाज फिर से शुरू करना चाहिए।
यूएन दूत ने कहा, “हम सीरियाई लोगों के सभी वर्गों के साथ काम कर रहे हैं…और हम बदले की कार्रवाई नहीं देखना चाहते। इसके बजाय, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संस्थाएं जरूरी सुरक्षा उपायों के साथ काम पर लौट आएं।”
बता दें विद्रोही गुटों ने 8 दिसंबर को सीरियाई राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया था जिसके बाद राष्ट्रपति असद के देश छोड़ कर भाग गए। 59 वर्षीय बशर अल-असद ने 2000 में अपने पिता हाफिज अल-असद की मृत्यु के बाद सत्ता संभाली थी।
दीदार हिन्द की रीपोर्ट