सीएचसी सोरों पर मानसिक स्वास्थ्य मेगा शिविर आयोजित..
सीएचसी सोरों पर मानसिक स्वास्थ्य मेगा शिविर आयोजित..
कॉउंसलिंग के जरिए मनोरोग से बचा जा सकता है- सीएमओ
कासगंज,। जिले मे राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के नेतृत्व में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) सोरों में मानसिक स्वास्थ्य मेगा शिविर का आयोजन हुआ। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवध किशोर प्रसाद व जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ अंजुश सिंह ने फीता काटकर शिविर का उद्घाटन किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवध किशोर प्रसाद , अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. के सी जोशी व जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अंजुश सिंह ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर शिविर का शुभारंभ किया।
शिविर में मानसिक रूप से अस्वस्थ 24 रोगियों की काउंसलिंग लोगों को उपचार दिया, व अन्य बीमारियों से ग्रसित 165 लोगों को उपचार दिया गया। शिविर में महिला रोग विशेषज्ञ डॉ.प्रियम द्वारा परिवार कल्याण सेवाएं प्रदान करने के साथ ही व अन्य मौसमी बीमारियों से ग्रसित लोगों की जाँच हुई व उपचार किया गया। शिविर में क्षय रोग, कोरोना जांच, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य परीक्षण, नेत्र परीक्षण, नियमित टीकाकरण, परिवार नियोजन,महिला कल्याण विभाग हेल्प डेस्क लगाए, व दवाओं का भी वितरण किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवध किशोर प्रसाद ने बताया कि जिले सभी सीएचसी व पीएचसी पर मानसिक स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जायेंगे जिनका प्रमुख उद्देश्य जनमानस में मानसिक बीमारियों के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा सकारात्मक सोच व सकारात्मक दिनचर्या से अवसाद जैसी मानसिक बीमारियों को दूर किया जा सकता है।
सोरों अधीक्षक डॉ. ए. एन. चौहान ने उपस्थित मरीजों एवं लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने मानसिक रूप से अस्वस्थता को किसी अंधविश्वास से न जोड़कर समय रहते इलाज कराने की बात कही।
मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. यश कुमार ने 24 मानसिक रोगियों का उपचार कर दवाएं दी। उन्होंने बताया – नियमित दिनचर्या, खुशहाल जीवनशैली, व्यायाम, मनोरंजन आदि से तनाव और अवसाद को दूर किया जा सकता है।
क्लिनिकल सायकलॉजिस्ट आस्था शाक्य ने 19 मानसिक रोगियों की काउंसलिंग कर मानसिक रोगों के बचाव की जानकारी दी।
साइकेट्रिक नर्सिंग ऑफिसर अरुण कुमार शर्मा ने बताया कि इसका शुरूआती लक्षण तनाव है, इसलिए तनाव को अनदेखा न करें। अवसाद का समय पर उपचार न किया जाए, तो कुछ केस में अनहोनी तक की स्थिति देखी जा सकती इसलिए अवसाद के लक्षणों को पहचानें, उसे। अनदेखा न करें। वह चाहे , घरेलू स्तर पर हों या सामाजिक स्तर पर, व कार्यक्षेत्र पर। अगर स्थिति रोकथाम से बाहर है, नींद न आना, बेचैनी, डर, शंका, शक, अवसाद, पागलपन आदि मानसिक अस्वस्थता है।ऐसे लोग जिला अस्पताल में सोमवार बुधवार, शुक्रवार को ओपीडी में सम्पर्क कर सकते है
मानसिक सामाजिक कार्यकर्ता वीरेंद्र कुमार ने बताया कि मानसिक टीम समय समय पर सामुदाय में जाकर स्कूल, वर्कपैलेस, मलिन बस्तीयो में जाकर लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जाकर जानकारी देते हैं। कार्यक्रम के दौरान डॉ. कुलदीप बीपीएम भागेश्वर , बीसीपीएम चंद्रिका, लैब टेक्नीशियन शादान खान स्वास्थ्य विभाग व आशा आंगनवाड़ी आदि लोग मौजूद रहे।
दीदार ए हिन्द की रिपोर्ट