सिप्ला को भारत में इनहेलर इंसुलिन के डिस्ट्रीब्यूशन और मार्कटिंग की मिली मंजूरी.

सिप्ला को भारत में इनहेलर इंसुलिन के डिस्ट्रीब्यूशन और मार्कटिंग की मिली मंजूरी.

मुंबई, 12 दिसंबर। दवा निर्माता कंपनी सिप्ला ने बुधवार को कहा कि भारतीय नियामक केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने उसे देश में विशेष रूप से इनहेल्ड इंसुलिन की वितरण और मार्केटिंग की मंजूरी दे दी है।

अफ्रेजा नामक इंसुलिन मैनकाइंड कॉर्पोरेशन द्वारा बनाया और निर्मित किया जाता है, और इसका उपयोग डायबिटीज मेलिटस वाले वयस्कों में ग्लाइसेमिक नियंत्रण को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है।

कंपनी ने कहा, ”अफ्रेजा एक तेजी से काम करने वाला इंसुलिन है जिसे इनहेलर के माध्यम से दिया जाता है। वर्तमान में इंसुलिन इंजेक्शन के रूप में दिए जाते हैं। भोजन की शुरुआत में लिया जाने वाला अफ्रेजा फेफड़ों में तेजी से घुल जाता है और ब्लड में इंसुलिन को तेजी से पहुंचाता है।”

सिप्ला का लक्ष्य दवा को सभी के लिए सुलभ बनाना और लाखों लोगों को अधिक आसानी से अपने स्वास्थ्य को नियंत्रित करने में सक्षम बनाना है।

कंपनी ने कहा कि अफ्रेजा 12 मिनट में काम करना शुरू कर देगा और भोजन के साथ शुगर के स्तर में देखी जाने वाली तेज वृद्धि को कम करने में मदद करेगा।

अफ्रेजा का प्रभाव लगभग दो-तीन घंटे तक रहता है और यह इंसुलिन की तरह ही काफी मिलता-जुलता प्रभाव छोड़ता है। कंपनी ने कहा कि यह टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस दोनों के रोगियों के लिए विकसित किया गया पहला और एकमात्र गैर-इंजेक्टेबल इंसुलिन है।

सिप्ला के प्रबंध निदेशक और वैश्विक सीईओ उमंग वोहरा ने कहा, “प्रतिदिन कई बार इंसुलिन इंजेक्शन लगाने की आवश्यकता को कम करके, हम मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए एक सुविधाजनक समाधान प्रदान कर रहे हैं, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जिन्‍हें सुई लगाने में दिक्कत होती है। इससे उन्हें अपनी स्थिति को अधिक प्रभावी ढंग संभालने में मदद मिलेगी।”

तीन हजार से अधिक रोगियों को शामिल करते हुए 70 से अधिक क्लीनिकल शोध में अफ्रेजा का मूल्यांकन किया गया है। भारत में 216 रोगियों पर किए गए क्लीनिकल परीक्षण में इसके इस्तेमाल से एचबीए1सी के स्तर में उल्लेखनीय कमी देखी गई।

कंपनी ने कहा कि फेफड़ों के माध्यम से सांस लेने के लिए इंसुलिन की उपलब्धता मधुमेह के रोगियों के लिए एक नया विकल्प प्रदान करेगी।

अफ्रेजा अमेरिका में पिछले 10 साल से अधिक समय से उपलब्ध है। इस दवा को हजारों रोगियों को दिया जा रहा है। अब, मैनकाइंड सिप्ला को अफ्रेजा की आपूर्ति करेगी और सिप्ला इसे भारत में बेचेगी।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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