सत्य सदैव एक रूप में स्थित रहता

सत्य सदैव एक रूप में स्थित रहता सत्य सदैव एक रूप में स्थित रहता है। वह किसी भी काल, किसी भी युग किसी भी परिस्थिति में परिवर्तित नहीं होता। वह प्रकाशमान तत्व सदैव एक समान बना रहता है। यानी जो अपरिवर्तनशील है, वही सत्य है और वह अपरिवर्तनशील तत्व नित्य, शुद्ध परमात्मा है जो समस्त … Continue reading सत्य सदैव एक रूप में स्थित रहता