शांति सैनिकों पर हमलों की जवाबदेही बेहद जरुरी : भारत..

शांति सैनिकों पर हमलों की जवाबदेही बेहद जरुरी : भारत..

न्यूयॉर्क, 16 जुलाई। भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के विरुद्ध अपराधों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करने की अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई। भारत ने इसे ‘रणनीतिक आवश्यकता’ बताया, जिससे दुनियाभर में शांति कायम रखने की कोशिशों को मजबूती मिले। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मंगलवार (स्थानीय समयानुसार) को ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स (जीओएफ) की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में शांति सैनिकों के विरुद्ध अपराधों के लिए जवाबदेही को बढ़ावा देने की आवश्यता पर जोर दिया गया।

बैठक में बोलते हुए, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पी. हरीश ने कहा कि शांति सैनिकों को खतरनाक क्षेत्रों में बहुत मुश्किल हालात में काम करना पड़ता है। लेकिन अधिकांशत: शांति सैनिकों पर हमला करने वालों को कोई सजा नहीं मिलती है। इससे हमलावरों का हौसला बढ़ता है और शांति की कोशिशों को नुकसान पहुंचता है। जवाबदेही की आवश्यता पर जोर देते हुए, राजदूत पी. हरीश ने कहा, ‘इसलिए, जवाबदेही एक रणनीतिक आवश्यकता है। कानून के हिसाब से भी, और इसीलिए कि इससे शांति सैनिकों को सुरक्षा मिलती है और वे अपना काम अच्छे से कर पाते हैं। यह हम सबकी जिम्मेदारी है।’ न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने एक बयान में कहा, ‘यह सिर्फ न्याय का मुद्दा नहीं है, बल्कि पूरे संयुक्त राष्ट्र की साख और भविष्य इसी पर टिका है कि हम शांति सैनिकों की सुरक्षा को कितनी गंभीरता है लेते हैं।’

बैठक में 40 देशों के प्रतिनिधियों और यूएन अधिकारियों ने की चर्चा
इस बैठक में करीब 40 देशों के प्रतिनिधियों और संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने मिलकर इस विषय पर चर्चा की। उन्होंने नए तरीकों, कानूनों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने पर बात की, ताकि शांति सैनिकों पर हमला करने वालों को कड़ी सजा दी जा सके। चर्चा में यह बात भी सामने आई कि जैसे-जैसे दुनिया में अस्थिरता बढ़ रही है, शांति सैनिकों पर खतरे भी बढ़ रहे हैं। हमलों और सजा न मिलने के बीच सीधा संबंध है। इसलिए यह माना गया कि सिर्फ सजा देना ही काफी नहीं, बल्कि पहले से ही रोकथाम करने के उपाय, बेहतर रणनीतियां और सभी देशों की एकजुट राजनीतिक इच्छाशक्ति भी जरूरी है।

182 भारतीय सैनिकों ने सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी
दिसंबर 2022 में भारत की अध्यक्षता में इस ‘ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स’ की शुरुआत हुई थी। यह संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2589 पर आधारित है, जिसमें शांति सैनिकों पर हमलों की सख्त जवाबदेही की बात की गई थी। भारत अब तक संयुक्त राष्ट्र के लगभग सभी मिशनों में सबसे अधिक (3 लाख से ज्यादा) शांति सैनिक भेज चुका है। 182 भारतीय शांति सैनिकों ने सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। भारत ने कहा कि वह आगे भी शांति स्थापना और हमलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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