विदेशों में तेजी के बावजूद बीते सप्ताह घरेलू बाजारों में तेल-तिलहनों के भाव टूटे
विदेशों में तेजी के बावजूद बीते सप्ताह घरेलू बाजारों में तेल-तिलहनों के भाव टूटे
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर। विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बावजूद दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बिनौला, मूंगफली और सोयाबीन की नई फसल मंडियों में आने से पहले भाव टूटने से बीते सप्ताह बाजार में गिरावट का रुख कायम हो गया।
इसके अलावा सर्दियों में मांग कमजोर होने और पहले से अत्यधिक मात्रा में आयात के कारण सीपीओ और पामोलीन तेल के भाव भी गिरावट के साथ बंद हुए।
बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि देश में त्योहारी के साथ जाड़े के मौसम की मांग बढ़ रही है। दूसरी ओर बिनौला, सोयाबीन और मूंगफली की नई फसलें भी बाजार में आना शुरू हो गई हैं। इससे पहले वायदा कारोबार से लेकर अन्यत्र इनके भाव नीचे चलाये जा रहे हैं जिससे बाकी तेल- तिलहन कीमतों में दबाव कायम हो गया और समीक्षाधीन सप्ताह में इनके भाव गिरावट का रुख दर्शाते बंद हुए।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में पामोलीन के आयातकों को 5-7 रुपये किलो का नुकसान है क्योंकि पहले से ही काफी मात्रा में पामोलीन का आयात हो चुका है और आयातकों को अपना माल खपाने के लिए आयात भाव से कम कीमत पर बाजार में अपना माल निकालना पड़ रहा है। पाम तेल के जाड़े में जमने की वजह से इसकी मांग कम हो जाती है।
सूत्रों ने कहा कि सरसों के तेल रहित खल (डीओसी) की मांग बढ़ने से इसकी कीमत अपने उच्चतम स्तर 332 डॉलर प्रति टन के स्तर को छू गई है। इसके डीओसी कोटा का एक्स-प्लांट भाव 25.50 रुपये प्रति किलो (जीएसटी अलग से) है। सरसों और सोयाबीन के डीओसी की मांग बढ़ने से सरसों दाना और सोयाबीन लूज के भाव में पर्याप्त सुधार दर्ज हुआ। सोयाबीन तेल की दीवाली की स्थानीय मांग बढ़ने से सोयाबीन इंदौर के भाव में भी सुधार रहा।
उन्होंने कहा कि देश में सरसों का बहुत कम स्टॉक रह गया है जो ज्यादातर बड़े किसानों के ही पास है। सर्दियों के अलावा त्योहारी मांग लगातार बढ़ रही है और दीवाली के बाद सरसों की मांग और बढ़ेगी। सरसों की उपलब्धता कम होने के कारण इसकी लगभग 70 प्रतिशत मिलें बंद हो गई हैं। ऐसी परिस्थिति में सलोनी शम्साबाद में सरसों का भाव बीते सप्ताह के अंत में 9,200 रुपये से बढ़ाकर 9,300 रुपये क्विंटल कर दिया गया। सरसों की मांग बढ़ने और इसकी उपलब्धता कम होने से समीक्षाधीन सप्ताह में सरसों तेल-तिलहन के भाव मजबूत हो गये।
सूत्रों ने कहा कि सरसों की अगली फसल के आने में लगभग साढ़े चार महीने की देर हो सकती है क्योंकि बिजाई देर से हुई है। लेकिन उत्पादन दोगुना होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखकर सरसों का स्थायी रूप से लगभग 5-10 लाख टन सरसों का स्टॉक रखना चाहिये।
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उन्होंने कहा कि सोयाबीन की पहले वाली फसल की खेप में नमी की मात्रा अधिक थी जो अब सूखी आना शुरू हुई है और इसी कारण सोयाबीन लूज के भाव में सुधार है। जबकि मंडियों में स्थानीय फसल की आवक बढ़ने से सोयाबीन दिल्ली और सोयाबीन डीगम तेल में गिरावट है। आयातित सोयाबीन डीगम का भाव सस्ता बैठता है जो इसमें गिरावट की मुख्य वजह है।
सूत्रों ने बताया कि बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 105 रुपये सुधरकर 8,975-9,005 रुपये प्रति क्विंटल हो गया, जो पिछले सप्ताहांत 8,870-8,900 रुपये प्रति क्विंटल था। सरसों दादरी तेल का भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 50 रुपये टूटकर समीक्षाधीन सप्ताहांत में 17,950 रुपये क्विंटल रह गया। वहीं सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें 5-5 रुपये बढ़कर क्रमश: 2,710-2,750 रुपये और 2,785-2,895 रुपये प्रति टिन हो गईं।
त्योहारी मांग के बीच समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन दाने का भाव 5,300-5,500 रुपये प्रति क्विंटल पर पूर्ववत रहा, जबकि सोयाबीन लूज के भाव 150 रुपये सुधार के साथ 5,200-5,300 रुपये क्विंटल पर बंद हुए।
सोयाबीन दिल्ली और सोयाबीन डीगम के भाव क्रमश: 100 रुपये और 130 रुपये की हानि दर्शाते क्रमश: 13,950 रुपये और 12,450 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। वहीं सोयाबीन इंदौर का भाव 80 रुपये का सुधार दर्शाता समीक्षाधीन सप्ताहांत में 13,750 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताहांत में बिनौला तेल और मूंगफली की नई फसल की आवक शुरू होने के बाद मंडियों में भाव टूटने से मूंगफली का भाव समीक्षाधीन सप्ताहांत में 200 रुपये टूटकर 6,100-6,185 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। मूंगफली गुजरात का भाव 515 रुपये की हानि के साथ 13,800 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। जबकि मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड का भाव 80 रुपये की गिरावट के साथ 2,015-2,140 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
जाड़े की कमजोर मांग और पहले ही पर्याप्त मात्रा में किये जा चुके आयात की वजह से समीक्षाधीन सप्ताहांत में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 20 रुपये की गिरावट के साथ 11,430 रुपये क्विंटल रह गया। जबकि पामोलीन दिल्ली तथा तथा पामोलीन कांडला तेल के भाव क्रमश: 80 रुपये और 10 रुपये की हानि दर्शाते क्रमश: 12,980 रुपये और 11,850 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। समीक्षाधीन सप्ताहांत में बिनौला तेल का भाव 1,150 रुपये की जोरदार गिरावट के साथ 12,800 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
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