रामपुर के रण में विकास की योजनाओं से जनविश्वास जीतने की कोशिश..

रामपुर के रण में विकास की योजनाओं से जनविश्वास जीतने की कोशिश..

लखनऊ, 16 नवंबर । उत्तर प्रदेश के रामपुर की विधानसभा के सियासी रण में इस बार भाजपा सरकार विकास की योजनाओं के जरिए जनविश्वास हासिल करने की फिराक में लगी है। योगी सरकार का दूसरा टर्म चल रहा है। सरकार तमाम विवादों के बीच इस बार विकास की योजनाओं को मुद्दा बनाने के मूड में है।

भड़काऊ भाषण देने के मामले में दोषी करार होने के बाद सपा के वरिष्ठ नेता और रामपुर शहर सीट के विधायक मोहम्मद आजम खां की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर यह सीट रिक्त घोषित कर दी गई थी। अब इस सीट पर उपचुनाव कराए जा रहा है। इस सीट पर आजम खां ने फिर से आसिम राजा पर भरोसा जताया है। आजम खां ने सपा कार्यालय पर जिले भर के सपा नेताओं के साथ बैठक की। इसके बाद प्रत्याशी का ऐलान किया। इस दौरान उनके बेटे विधायक अब्दुल्ला आजम भी मौजूद रहे।

भाजपा ने एक बार फिर आकाश सक्सेना पर दांव लगाया है। उन्हें रामपुर के उपचुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया है। खास बात यह है कि आजम खां और उनके परिवार पर वर्ष 2019 से जितने भी मुकदमे हुए हैं उनमें से ज्यादातर आकाश सक्सेना ने ही कराए हैं।

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक गिरीश पांडेय कहते हैं कि लोकसभा एवं विधानसभा की जो सीटें और जो क्षेत्र विपक्ष के गढ़ रहे हैं उनको भेदने के लिए भाजपा दीर्घकालिक रणनीति पर काम करती है। सिर्फ चुनावों के समय ही नहीं। इसके अब तक के नतीजे भी बेहतर रहे हैं। मसलन कुछ महीने पहले हुए लोकसभा के उपचुनाव में भाजपा ने समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाले आजमगढ़ एवं रामपुर की सीटें सपा से छीन लीं। आजमगढ़ में भोजपुरी गायक एवं भोजपुरी फिल्मों के कलाकार दिनेशलाल निरहुआ को जीत मिली। यहां मुलायम सिंह के भतीजे धर्मेंद्र यादव बहुजन समाज पार्टी के गुड्डू जमाली से भी पीछे रहे।

इसी तरह रामपुर की सीट से भाजपा के घनश्याम सिंह लोधी ने सपा के आसिम राजा को हराया था। रही बात रामपुर विधानसभा क्षेत्र की तो यहां करीब दो दशकों से आजमखान विधायक हैं। यहां तक कि राम लहर में भी वह अपनी सीट बचाने में सफल रहे। उपचुनाव भी उनको अयोग्य होने पर ही हो रहा है, पर ये सारी बातें अतीत की हो गईं। आजमगढ़ पर परचम लहराकर भाजपा ने साबित कर दिया कि कोई भी सीट उसके लिए अभेद्य नहीं है।

गिरीश पांडेय कहते हैं कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में शानदार जीत के बाद लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाने वाले योगी आदित्यनाथ ने योगी-2 के 100 दिन पूरे होने पर जो समीक्षा बैठक की थी उसमें शासन के शीर्ष अधिकारियों से कहा था कि रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में स्थानीय जनता ने प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों में अभूतपूर्व विश्वास जताया है। हमें इस विश्वास और उनके भरोसे पर खरा उतरना होगा। सभी विभाग इन दोनों जनपदों से सम्बंधित विकास परियोजनाओं की समीक्षा कर लें, कोई भी प्रस्ताव लंबित न रहे। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा भी इन क्षेत्रों में संचालित/लंबित विकास परियोजनाओं की समीक्षा की जाएगी।

साथ ही यह भी कहा था कि आजमगढ़ का हरिहरपुर संगीत साधकों की पुरातन स्थली है। संगीत जगत के लब्ध प्रतिष्ठ लोगों से परामर्श कर उनकी मंशानुरूप यहां कला-संगीत साधकों के हित में आवश्यक प्रस्ताव तैयार किया जाए। बिलासपुर (रामपुर) चीनी मिल का सु²ढ़ीकरण का कार्य यथाशीघ्र किया जाए। आजमगढ़ के दौरे के दौरान भी उन्होंने हरिहरपुर का खास तौर से जिक्र किया था।

रामपुर के विकास कार्यों की बात करें तो योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल में तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की मंजूरी दी गई थी। इसी तरह नए साल (2022) के पहले दिन ही रठौंडा मेला मैदान में अपनी जनसभा को संबोधित करने से पहले 25 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। साथ ही रामपुर को 95.56 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की भी सौगात दी। इन सभी विकास योजनाओं पर काम भी चल रहे हैं। कुछ पूरी हो गईं हैं। कुछ पूरी होने वालीं हैं। बाकी भी जल्दी ही पूरी हो जाएंगी।

दीदार ए हिन्द की रिपोर्ट

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