राफेल के सौदे में भ्रष्टाचार के सबूत, सीबीआई-ईडी ने कार्रवाई क्यों नहीं की : कांग्रेस
राफेल के सौदे में भ्रष्टाचार के सबूत, सीबीआई-ईडी ने कार्रवाई क्यों नहीं की : कांग्रेस
नई दिल्ली, 09 नवंबर। कांग्रेस ने भारत-फ्रांस के बीच हुए राफेल लड़ाकू विमान सौदे में एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। पार्टी ने फ्रांस के एक पब्लिकेशन मीडिया पार्ट का हवाला देकर ये आरोप लगाए हैं। कांग्रेस ने सबूतों के आधार पर सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से कोई कार्रवाई न करने पर भी सवाल उठाए हैं।
दरअसल मीडियापार्ट का दावा है कि फ्रांसीसी कंपनी देसॉ एविएशन ने 36 लड़ाकू विमानों के सौदे के लिए एक बिचौलिए को 7.5 मिलियन यूरो कमीशन दिया था। इसी को आधार बनाते हुए मंगलवार को कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेसवार्ता कर दावा किया कि मोदी सरकार द्वारा राफेल डील में भ्रष्टाचार एक बार फिर उजागर हो गया है। बीजेपी की सरकार ने भारतीय वायु सेना के हितों को खतरे में डालकर देश के खजाने को हजारों करोड़ का नुकसान पहुंचाया गया है।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन कवर-अप के नवीनतम खुलासे से राफेल भ्रष्टाचार को दबाने का पता चलता है। 4 अक्टूबर 2018 को बीजेपी के दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और एक वरिष्ठ वकील ने राफेल सौदे में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का हवाला देते हुए निदेशक, सीबीआई को शिकायत सौंपी थी। 11 अक्टूबर 2018 को मॉरीशस सरकार ने अपने अटॉर्नी जनरल के माध्यम से राफेल सौदे से जुड़े कमीशन के कथित भुगतान के संबंध में सीबीआई को दस्तावेजों की आपूर्ति की थी।
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खेड़ा ने कहा कि 23 अक्टूबर 2018 को केंद्र सरकार की एक समिति ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को मध्यरात्रि में ही हटा दिया, दिल्ली पुलिस के माध्यम से सीबीआई मुख्यालय पर छापा मारा गया, जिसके बाद एम नागेश्वर राव को सीबीआई प्रमुख नियुक्त किया था। ये सीबीआई के माध्यम से राफेल डील में की गई गड़बड़ी थी।
उन्होंने सवाल किया कि मोदी सरकार और सीबीआई ने पिछले 36 महीनों से भ्रष्टाचार के सबूतों पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की? इसे मामले को क्यों दबाया गया? मोदी सरकार ने मध्यरात्रि में सीबीआई प्रमुख को क्यों हटाया?
उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल किया कि भारत में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के बिना उन्हीं 36 विमानों के लिए 41,205 करोड़ अतिरिक्त क्यों दे रहे हैं? जब 126 विमानों का लाइव अंतरराष्ट्रीय टेंडर था तो पीएम एकतरफा 36 विमान ऑफ द शेल्फ कैसे खरीद सकते थे?
उन्होंने कहा कि फ्रेंच न्यूज पोर्टल मीडियापार्ट ने चौंकाने वाले खुलासे के ताजा सेट में उजागर किया है कि कैसे बिचौलिए सुशेन गुप्ता ने 2015 में भारत के रक्षा मंत्रालय से भारतीय वार्ता दल (आईएनटी) से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों को भारत के रुख का विवरण देते हुए पकड़ा था। क्या यह सही नहीं है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 26 मार्च 2019 की छापेमारी में बिचौलियों से गुप्त रक्षा मंत्रालय के दस्तावेज बरामद किए हैं?
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