युवती की आत्महत्या मामले में आरोपी को नहीं मिली जमानत

युवती की आत्महत्या मामले में आरोपी को नहीं मिली जमानत

नई दिल्ली, 16 जनवरी। छह जनवरी को अपने घर में आत्महत्या करने वाली 20 वर्षीय सिविल डिफेंस में कार्यरत युवती के मामले में आरोपी विक्रम को अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। विक्रम पर अन्य आरोपियों के साथ मिलकर युवती को आत्महत्या के लिए उकसाने, धमकाने व अन्य गंभीर आरोप हैं। इस मामले में मुख्य आरोपी पर आरोप है कि उसने पीड़िता के साथ अश्लील हरकत की कोशिश की। इसके बाद उसे धमकाया। रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गगनदीप सिंह की अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह एक बेहद गंभीर मामला है। एक 20 वर्षीय युवती ने अपनी जान गंवाई है। क्योंकि यह घटना महज दस दिन पुरानी है। इसलिए आरोपी को किसी भी हाल में जमानत पर नहीं छोड़ा जा सकता, क्योंकि अगर ऐसा किया गया तो आरोपी साक्ष्यों व तथ्यों के साथ

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छेड़छाड़ कर मामले को प्रभावित कर सकता है। पेश मामले में मृतका की मां का आरोप है कि उनकी बेटी सिविल डिफेंस में कार्यरत थी। उसकी ड्यूटी एसडीएम कार्यालय में वैक्सीनेशन कार्यक्रम में लगी हुई थी। इस मामले का मुख्य आरोपी काफी समय से उनकी बेटी पर बुरी नियत रखता था। छह जनवरी को उसने उसकी बेटी को अकेला पाकर अश्लील हरकत की। लड़की वहां से भागने में कामयाब रही। बाहर आकर उसने एक रजिस्टर के पन्ने पर पूरा वाक्या लिखा व सात लोगों के नाम लिखे। इसे उसने विक्रम के बैग में छिपा दिया। विक्रम के हाथ रजिस्टर का वह कागज लग गया जोकि उसने मुख्य आरोपी को दे दिया। इसके बाद इन दोनों आरोपियों ने अन्य के साथ मिलकर पहले बेटी के हाथ से लिखा कागज फाड़ दिया और फिर उसे ब्लैकमेल करने लगे। लड़की बेहद सदमे में आ गई। उसने घर आकर अपनी मां को सारा वाक्या बताया और इसके बाद उसने आत्महत्या कर ली।

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