मांझी ने ब्राह्मणों के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया, बीजेपी, राजद का पलटवार

मांझी ने ब्राह्मणों के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया, बीजेपी, राजद का पलटवार

पटना, 19 दिसंबर। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए विवाद खड़ा कर दिया है। उनके बयान पर भाजपा और राजद ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। शनिवार शाम पटना में एक सभा को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा: जब वह छोटे थे, तब हमारे समुदाय (मुसहर) में सत्यनारायण पूजा (भगवान विष्णु की

पूजा) का प्रचलन ज्यादा नहीं था। इन दिनों, यह लगभग हर घर में प्रचलित है। अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि ब्राह्मण (पंडित) हमारे घर आते हैं, पूजा करते हैं लेकिन वे हमारे घरों में खाना नहीं खाते हैं। वे बेशर्मी से खाना खाने के बदले पैसे (दक्षिणा) की मांग करते हैं। मुसहर बिहार में महादलित समुदाय के अंतर्गत आते हैं। बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की सिफारिशों के बाद अस्पृश्यता से संबंधित कानून को

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वापस ले लिया गया था। मांझी ने अपने समुदाय के लोगों और ब्राह्मणों दोनों के लिए भी अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, बाबा साहब भीम राव अंबेडकर हिंदू थे लेकिन उन्होंने अपना धर्म बदलकर बौद्ध धर्म अपना लिया। मांझी ने आरोप लगाया: हिंदू समुदाय सबसे खराब समुदाय है और इसलिए, मैंने अपना धर्म बदल दिया है। जब मैं मरूंगा, तो बौद्ध रहूंगा। मांझी के बयान पर प्रतिक्रिया

व्यक्त करते हुए सड़क निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा: जीतन राम मांझी राज्य के वरिष्ठ नेता हैं। उन्हें जाति या समुदाय केंद्रित बयान देने से बचना चाहिए। राजद विधायक राहुल तिवारी ने कहा, मांझी जिस तरह से विभिन्न विषयों पर बयान दे रहे हैं, उससे लगता है कि वह मानसिक रूप से अस्थिर हैं। उनको रांची जाकर मानसिक आरोग्यशाला में अपना इलाज करवाना चाहिए। मांझी पहले भी ये बयान दे चुके हैं कि लोगों को लिमिट में शराब पीनी चाहिए। उनका बयान इंगित करता है कि वह खुद शराब पीते थे और शराब के नशे में इस तरह के बयान दे रहे हैं।

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