मकसद.
मकसद.
-राम नरेश उज्ज्वल-
शुरू से अंत तक
चलता रहा लगातार
बिना रूके
बिना थके
अपनी मंजिल की ओर
बढ़ता रहा
मंजिल मिली
मकसद पूरा हुआ
मैं हो गया शून्य
बेमकसद
जड़ता का अहसास।
(साभार: रचनाकार)
दीदार हिन्द की रीपोर्ट
मकसद.
-राम नरेश उज्ज्वल-
शुरू से अंत तक
चलता रहा लगातार
बिना रूके
बिना थके
अपनी मंजिल की ओर
बढ़ता रहा
मंजिल मिली
मकसद पूरा हुआ
मैं हो गया शून्य
बेमकसद
जड़ता का अहसास।
(साभार: रचनाकार)
दीदार हिन्द की रीपोर्ट