भ्रष्टाचार से गाय दुबली व गौशाला संचालक मोटे : भूपेश बघेल
भ्रष्टाचार से गाय दुबली व गौशाला संचालक मोटे : भूपेश बघेल
नोएडा, 18 जनवरी। उत्तर प्रदेश में बीते 15 सालों में दो बार जाति तथा एक बार धर्म के आधार पर सरकार बनी है। इन सरकारों में कोई काम नहीं हुआ। आज समाज का हर वर्ग दुखी है। कानून व्यवस्था जहां चौपट हैं, वहीं किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत। बेरोजगारी कई गुना बढ़ गई है। महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। देश कई साल पीछे चला गया है। ये बातें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने संबोधन के दौरान कहीं। वे दादरी से कांग्रेस के प्रत्याशी दीपक भाटी चोटीवाला का चुनाव प्रचार करने ग्रेनो वेस्ट के बिसरख गांव में पहुंचे थे। उन्होंने योगी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि योगी की सरकार ने हमेशा धर्म के नाम पर दो समुदायों को भिड़ाने का काम किया है।
वहीं बसपा व सपा की राजनीति जातिगत रही है। उन्होंने कहा कि केवल कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी हैं, जिसने हमेशा जाति धर्म से ऊपर उठकर मुद्दों की लड़ाई लड़ी हैं। उन्होंने वादा किया कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो किसानों की सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। उन्होंने क्षेत्रीय किसानों की समस्या किसानों की आबादी, लीजबैक, 64.7 फीसद मुआवजा समेत नए बिल कानून 2013 के तहत चार
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गुना मुआवजा दिया जाएगा। इस दौरान वे नोटबंदी व कोरोना वायरस पर भी केंद्र व राज्य सरकार पर कटाक्ष करने से नहीं चूके। उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर से लोगों की हुई मौत पर सरकार को घेरते हुए कहा कि धर्म की बातें करने वाले लाशों को कफन तक की व्यवस्था नहीं कर पाए। राज्य सरकार पर गोवंश पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि गोवंश के नाम पर गोशालाएं खोल दी गई, जबकि
गोवंश सड़कों पर धक्का खाने को मजबूर है। आवारा पशुओं की समस्या क्षेत्र में विकराल रूप ले चुकी है। भ्रष्टाचार का ऐसा आलम है कि गाय दुबली व गौशाला संचालक मोटे हो गए हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसान सबसे ज्यादा खुशहाल है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के आह्वान पर उन्होंने मुख्यमंत्री की शपथ लेते ही दो घंटे के भीतर 18 लाख किसानों का कर्ज माफ कर दिया। धान व गेहूं 25 सौ रुपये प्रति क्विंटलके हिसाब से खरीदा जा रहा है। छत्तीसगढ़ में दो रुपये किलो के हिसाब से पशुओं का गोबर सरकार खरीद रही है। दूध के साथ गोबर बेच किसान प्रति महीने 30 हजार रुपये से भी अधिक कमा रहे हैं। जिसके बूते ही छत्तीसगढ़ पिछले तीन सालों से स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार स्थान बना रहा है। दुजाना गांव में भी उन्होंने घर-घर जाकर वोट मांगे।
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