भारत द्वारा ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए जीवाश्म ईंधनों पर सब्सिडी कम करना सराहनीय कदम : एडीबी…
भारत द्वारा ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए जीवाश्म ईंधनों पर सब्सिडी कम करना सराहनीय कदम : एडीबी…
नई दिल्ली, 03 नवंबर। एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) द्वारा भारत की ओर से ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने और इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए जीवाश्म ईंधनों जैसे पेट्रोलियम पर सब्सिडी कम करने और कोयले पर सेस लगाने के कदम की सरहाना की है।
एडीबी की ओर से जारी की गई एशिया-पैसिफिक क्लाइमेट रिपोर्ट के मुताबिक, खुदरा मूल्य, टैक्स की दरें और चुनिंदा पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी जैसे तीन प्रमुख बिंदुओं पर सावधानीपूर्वक संतुलन करके, भारत तेल और गैस क्षेत्र में अपनी राजकोषीय सब्सिडी को 85 प्रतिशत तक कम करने में सक्षम रहा है, जो 2013 के आंकड़े 25 अरब अमेरिकी डॉलर से घटकर 2023 में 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर पर आ गई है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 2014 से 2017 के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमत कम होने के कारण सरकार द्वारा अतिरिक्त कर राजस्व हासिल करने के लिए पेट्रोल और डीजल पर आयात शुल्क बढ़ाया गया था। सरकार द्वारा अतिरिक्त कर राजस्व का उपयोग गरीब लोगों तक एलपीजी सिलेंडर पहुंचाने के लिए किया गया।
रिपोर्ट्स में आगे बताया गया कि 2010 से लेकर 2017 तक केंद्र सरकार द्वारा कोयले के उत्पादन और आयात पर सेस लगाया गया। इसका सेस संग्रह का 30 प्रतिशत हिस्सा राष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण कोष में भेजा गया, जिससे स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं और अनुसंधान को समर्थन मिला।
एडीबी ने कहा कि सेस ने 2010-2017 के दौरान नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के बजट को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। साथ ही देश की ग्रीन एनर्जी कोरिडोर स्कीम और नेशनल सोलर मिशन के लिए शुरुआती फंड उपलब्ध कराया, जिससे उपयोगिता-स्तरीय सौर ऊर्जा की लागत कम करने और कई ऑफ-ग्रिड रिन्यूएबल एनर्जी सॉल्यूशंस को फंड प्रदान करने में मदद मिली।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एलपीजी के लिए सब्सिडी अब बढ़ गई है और गैर-जीवाश्म ईंधन से खाना पकाने के विकल्पों को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।
दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट