भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात पहली तिमाही में 47 प्रतिशत बढ़ा, आरएमजी एक्सपोर्ट में भी दिखा उछाल…
भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात पहली तिमाही में 47 प्रतिशत बढ़ा, आरएमजी एक्सपोर्ट में भी दिखा उछाल…

नई दिल्ली, 21 जुलाई । वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही (वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही) के दौरान भारत के इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में 47 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हुई है और यह बढ़कर 12.41 अरब डॉलर हो गया है। इस दौरान रेडी-मेड गारमेंट्स (आरएमजी) के निर्यात में भी करीब 9 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है। यह जानकारी वाणिज्य मंत्रालय की ओर से दी गई।
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही के दौरान भारतीय इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के निर्यात के लिए अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और चीन शीर्ष तीन प्रमुख गंतव्य बनकर उभरे हैं। कुल इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में 60.17 प्रतिशत की बड़ी हिस्सेदारी के साथ अमेरिका इस सूची में शीर्ष स्थान पर था।
यूएई 8.09 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जबकि चीन 3.88 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर था। अन्य प्रमुख निर्यात गंतव्यों में नीदरलैंड और जर्मनी शामिल हैं, जिनकी हिस्सेदारी क्रमशः 2.68 प्रतिशत और 2.09 प्रतिशत है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि देश के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात का बढ़ना वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। यह एशिया में एक विश्वसनीय और प्रतिस्पर्धी मैन्युफैक्चरिंग केंद्र के रूप में देश के उभरने को भी दर्शाता है।
इसके अतिरिक्त, अप्रैल-जून तिमाही में भारत का रेडी-मेड गारमेंट्स (आरएमजी) का निर्यात 8.81 प्रतिशत बढ़कर 4.19 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 3.85 अरब डॉलर था।
अमेरिका भारत के आरएमजी का भी एक प्रमुख खरीदार भी है। अप्रैल-जून तिमाही के दौरान, अमेरिका की कुल आरएमजी निर्यात में हिस्सेदारी 34.11 प्रतिशत रही, इसके बाद यूके की 8.81 प्रतिशत, यूएई की 7.85 प्रतिशत, जर्मनी की 5.51 प्रतिशत और स्पेन की 5.29 प्रतिशत हिस्सेदारी रही।
अधिकारियों ने बताया कि कुशल श्रमिकों, विविध उत्पाद श्रृंखलाओं और गुणवत्ता व समय पर डिलीवरी के लिए बढ़ती प्रतिष्ठा के कारण भारत का कपड़ा और परिधान उद्योग वैश्विक स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
पूरे वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए, भारत का आरएमजी निर्यात 10.03 प्रतिशत बढ़कर 15.99 अरब डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 में यह 14.53 अरब डॉलर था।
भारत के समुद्री निर्यात में भी सकारात्मक रुझान देखा गया। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में समुद्री खाद्य निर्यात 19.45 प्रतिशत बढ़कर 1.95 अरब डॉलर हो गया।
पूरे वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए, समुद्री निर्यात 7.41 अरब डॉलर रहा, जो 4.5 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्शाता है।
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में अमेरिका भारतीय समुद्री खाद्य का सबसे बड़ा आयातक रहा और इस दौरान उसकी हिस्सेदारी कुल निर्यात में 37.63 प्रतिशत रही है।
अन्य महत्वपूर्ण बाजारों में 17.26 प्रतिशत के साथ चीन, 6.63 प्रतिशत के साथ वियतनाम, 4.47 प्रतिशत के साथ जापान और 3.57 प्रतिशत के साथ बेल्जियम शामिल थे।
अधिकारियों ने समुद्री खाद्य निर्यात में वृद्धि का श्रेय बेहतर कोल्ड चेन लॉजिस्टिक्स, उत्पाद विविधीकरण और वैश्विक गुणवत्ता मानकों के पालन को दिया।
दीदारे ए हिन्द की रीपोर्ट