बंद हो गई है नवजात शिशु की नाक, डॉक्‍टर के बताए इन तरीकों से तुरंत मिलेगा आराम..

बंद हो गई है नवजात शिशु की नाक, डॉक्‍टर के बताए इन तरीकों से तुरंत मिलेगा आराम..

नवजात शिशु को भी कई तरह की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है। नन्‍हा शिशु बोलकर अपनी तकलीफ नहीं बता सकता है इसलिए मां को ही खुद अंदाजा लगाना पड़ता है कि उनका न्‍यूबॉर्न बेबी क्‍यों रो रहा है या उसे क्‍या तकलीफ है।

नवजात शिशुओं में बंद नाक की समस्‍या भी बहुत देखी जाती है। अगर आपके शिशु की भी नाक बंद हो गई है तो आप बीकानेर के श्रीकृष्‍णा न्‍यूरोस्‍पाइन हॉस्‍पीटल की डॉक्‍टर शेफाली दधीच के बताए टिप्‍स को फॉलो कर सकती हैं। डॉक्‍टर शेफाली ने अपने इंस्‍टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर के बताया है कि शिशु की नाक बंद होने पर क्‍या करना चाहिए।

क्‍या उपाय बताया है…
डॉक्‍टर ने कहा कि बच्‍चे की नाक में सलाईन ड्रॉप्‍स डाल सकते हैं। हालांकि, आप अपने पीडियाट्रिशियन से पूछे बिना बच्‍चे पर किसी भी दवा का इस्‍तेमाल न करें। इकसे अलावा ईयर बड्स से भी बच्‍चे की नाक को साफ करते रहें। बच्‍चे की नाक में एंटी एलर्जिक ड्रॉप्‍स भी डाल सकते हैं।

आगे जानिए कि शिशु की नाक क्‍यों बंद होती है।

क्‍यों होती है बंद नाक
मेडिकल न्‍यूज टुडे में प्रकाशित एक लेख के अनुसार शिशु के सूखी हवा में सांस लेने, मौसम में बदलाव होने, वायरल इंफेक्‍शन जैसे कि जुकाम, वायु प्रदूषकों में सांस लेने और डेविएटिड सेप्‍टम के कारण बच्‍चे की नाक बंद हो सकती है।

गर्म पानी से नहलाएं
हेल्‍थलाइन के अनुसार शिशु को गुनगुने पानी से नहलाने से उसकी बंद नाक खुल सकती है। अगर आपके बच्‍चे की नाक बंद हो रही है, तो आप एक बार उसे गुनगुने पानी से नहलाकर देखें। इससे भी बच्‍चे को काफी आराम मिल सकता है।

मालिश कर सकते हैं
नाक के ब्रिज, आईब्रो, गालों, हेयरलाइन और सिर के बीच हल्‍के से रब करें। बच्‍चे को आपके स्‍पर्श से काफी राहत महसूस होगी। इसके अलावा बच्‍चे आसपास की हवा को ताजा और शुद्ध रखें। सेंटिड कैंडल का इस्‍तेमाल कर सकते हैं और शिशु के कमरे को एकदम साफ रखें। इकसे अलावा बच्‍चे के पास धूम्रपान भी न करें।

डॉक्‍टर के पास कब जाएं
एक रिपोर्ट के अनुसार कभी-कभी बच्‍चे की नाक बंद होना कोई समस्‍या नहीं है लेकिन अक्‍सर बच्‍चे की नाक बंद रहती है, तो यह किसी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या का संकेत हो सकती है। अगर बच्‍चे को खांसी है, वो बार-बार छींक रहा है, सांस लेने में दिक्‍कत हो रही है, वो ठीक से खा नहीं पा रहा है, नॉर्मल से ज्‍यादा सो रहा है या उसका एनर्जी लेवल कम हो गया है या उसे 100.4 डिग्री फारेनहाइट या इससे ज्‍यादा बुखार है, तो आप बच्‍चे को डॉक्‍टर को जरूर दिखाएं।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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