प्रार्थना की शक्ति से आलोकित जीवन -लाजपत राय सभरवाल-
प्रार्थना की शक्ति से आलोकित जीवन -लाजपत राय सभरवाल- योगीराज श्रीकृष्ण ने गीता के बारहवें अध्याय में कहा था-जो पुरुष सब कालों में द्वेषभाव से रहित रहता है। सबसे मित्रता और दया का भाव रखता है। अहंकार का त्याग कर, सुख-दुख हर स्थिति में समान भाव रखता है। क्षमा भाव के साथ और निरन्तर योग … Continue reading प्रार्थना की शक्ति से आलोकित जीवन -लाजपत राय सभरवाल-
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