पत्रकार संगठनों ने पीआईबी कार्ड के नवीनीकरण में ‘विलंब’ पर चिंता जताई, मंत्री से दखल की मांग की

पत्रकार संगठनों ने पीआईबी कार्ड के नवीनीकरण में ‘विलंब’ पर चिंता जताई, मंत्री से दखल की मांग की

नई दिल्ली, 06 जनवरी। भारतीय प्रेस क्लब और कई अन्य पत्रकार संगठनों ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर से आग्रह किया है कि वह पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) से मान्यता प्राप्त पत्रकारों के कार्ड का अविलंब नवीनीकरण करने का निर्देश दें।

प्रेस क्लब और कई अन्य पत्रकार संगठनों ने मंत्री को लिखे एक संयुक्त पत्र में कहा कि पीआईबी कार्ड के नवीनीकरण की वार्षिक प्रक्रिया में अत्यधिक विलंब होने से उन मीडियाकर्मियों में आशंकाएं पैदा हो रही हैं जो केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों को कवर करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम आपसे आग्रह करते हैं कि संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया जाए और आगे बिना विलंब किए पीबीआई कार्ड का नवीनीकरण किया जाए….यह प्रेस क्लीपिंग जैसी औपचारिकताओं के बिना किया जाए।’’

प्रेस क्लब की ओर से भेजे गए इस पत्र पर ‘प्रेस एसोसिएशन’, ‘भारतीय महिला प्रेस कोर’ ‘वर्किंग न्यूज कैमरामैन एसोशिएसन’ और ‘डेल्ही यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट’ के पदाधिकारियों ने भी हस्ताक्षर किए हैं।

पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है कि मंत्रालय ने ‘पात्र’ मीडियाकर्मियों को उनके पीआईबी कार्ड की वैधता की अवधि 31 जनवरी, 2022 तक बढ़ाए जाने के बारे में संदेश भेजा है।

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पत्रकार संगठनों ने कहा, ‘‘यह हैरान करने वाली बात है क्योंकि हमें पीआईबी कार्ड के नवीनीकरण में विलंब या अवरोध के किसी स्पष्ट कारण के बारे में आधिकारिक रूप से सूचित नहीं किया गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार के इस कदम को ऐसे देखने के लिए बाध्य हैं कि वह मीडियाकर्मियों को मंत्रालयों की खबरों पर सरकार के नजरिये के बारे में सूचित होने से प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से रोकने का प्रयास कर रही है।’’

उनके मुताबिक, ऐसा महसूस होता है कि सरकार के इस कदम का मकसद किसी न किसी तरह से खबरों की कवरेज को दबाना, प्रेस की स्वतंत्रता पर नियंत्रण करना और संवाददाताओं एवं छायाकारों पर अनुचित दबाव डालना है।

पत्र में कहा गया है कि पीबीआई कार्ड में विलंब होने से पत्रकारों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मसलन, बड़ी संख्या में ऐसे पत्रकार हैं जो स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए केंद्र सरकार स्वास्थ्य सेवा (सीजीएचएस) पर निर्भर हैं, लेकिन वैध पीआईबी कार्ड के बिना सीजीएचएस कार्ड का नवीनीकरण नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा कि यही बात संसद के कार्ड (पास) के संदर्भ में भी लागू होती है।

पत्रकार संगठनों ने कहा कि अगर पीआईबी पत्रकारों के कार्ड का नवीनीकरण समय पर नहीं करता है तो फिर पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव कवर करने के लिए जाने वाले पत्रकारों को मुश्किल होगी क्योंकि निर्वाचन आयोग पीआईबी कार्ड के आधार पर ही कवरेज के लिए पास जारी करता है।

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