धर्म प्रेम व धर्मांधता में अंतर ज़रूरी
धर्म प्रेम व धर्मांधता में अंतर ज़रूरी -तनवीर जाफ़री- सभी धर्मों व विश्वास के मानने वाले वैसे तो अपने परिवार द्वारा संस्कारित व पैतृक विरासत में प्राप्त होने वाले अपने अपने धर्मों-विश्वासों-परंपराओं व रीति रिवाजों का ही अनुसरण करते हैं व उसी धर्म को ही सर्वश्रेष्ठ बताते हैं। सभी कहते हैं कि उन्हीं का धर्म,विश्वास … Continue reading धर्म प्रेम व धर्मांधता में अंतर ज़रूरी
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed