दिव्यांगो को कौशल प्रदान कर रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाएं उद्योग: पीयूष गोयल.
दिव्यांगो को कौशल प्रदान कर रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाएं उद्योग: पीयूष गोयल.
नई दिल्ली,। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उद्योगों को दिव्यांग नागरिकों को कौशल प्रदान करने, प्रशिक्षित करने और रोजगार के अवसर प्रदान करने के तरीके विकसित करने चाहिए। केंद्रीय मंत्री गोयल ने नई दिल्ली में बीएमएल मुंजाल पुरस्कार 2024 में अपने संबोधन के दौरान यह बात कही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश को कौशल प्रदान करने और दिव्यांग नागरिकों को सक्षम बनाने के आह्वान को दोहराते हुए उन्होंने उद्योग जगत के नेताओं से ब्रेल में कौशल विकास उपलब्ध करवाने को कहा। गोयल ने मुंबई में एसईईपीजेड का उदाहरण देते हुए कहा, “कुछ ऐसे कौशल विकसित करने की आवश्यकता है जो दिव्यांग नागरिकों को स्वतंत्र बनने में मदद करें, जैसे एसईईपीजेड, जहां रत्न एवं आभूषण क्षेत्र द्वारा 1,500 दृष्टिबाधित बच्चों को उसी उद्योग में नौकरियों के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।”
केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिया कि उद्योग जगत के लीडर दिव्यांगों की ताकत की पहचान करें और उन्हें रोजगार के योग्य बनाएं। उन्होंने आगे कहा, “शिकायत केंद्र और ग्राहक सहायता केंद्र ऐसे क्षेत्र हैं जहां दिव्यांगजन काम कर सकते हैं, यहां तक कि वे खेल में भी काम के अवसर प्राप्त कर सकते हैं। हम दिव्यांगजनों को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए खेल महोत्सवों को भी बढ़ावा दे सकते हैं।”
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने हीरो ग्रुप के शुरुआती दिनों से लेकर अब तक के सफर पर आधारित ‘द मेकिंग ऑफ हीरो’ नामक पुस्तक का भी जिक्र किया। उन्होंने ऑटोमोबाइल विनिर्माण में भारत को विश्व मंच पर ले जाने के लिए कंपनी के प्रयासों पर प्रकाश डाला। पुस्तक को ब्रेल में भी जारी करने के लिए आयोजकों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, “यह प्रयास दिव्यांगजनों को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करेगा।”
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री गोयल ने यह भी उम्मीद जताई कि पुस्तक कई उद्यमियों को रोजगार सृजक बनने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा कि 1.4 अरब लोगों की सामूहिक प्रतिबद्धता भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी और ऐसा तब होगा जब वे बड़ी आकांक्षाएं रखेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम के आयोजकों से विकसित भारत की यात्रा में पुरस्कार समारोह में स्टार्टअप और युवा संगठनों को शामिल करने का भी आग्रह किया।
दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट