दक्षिण कोरिया में कार्यवाहक राष्ट्रपति ने नियुक्त किए न्यायाधीश, यून के वरिष्ठ सहयोगियों ने इस्तीफे की पेशकश की….

दक्षिण कोरिया में कार्यवाहक राष्ट्रपति ने नियुक्त किए न्यायाधीश, यून के वरिष्ठ सहयोगियों ने इस्तीफे की पेशकश की….

सियोल। कार्यवाहक राष्ट्रपति चोई सांग-मोक ने मंगलवार को संवैधानिक कोर्ट में दो न्यायाधीशों की नियुक्ति की थी। इसके एक दिन बाद बुधवार को महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून सुक योल के वरिष्ठ सहयोगियों (जिनमें चीफ ऑफ स्टाफ भी शामिल हैं) ने इस्तीफे की पेशकश की है।

राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, जिन्होंने इस्तीफा देने की इच्छा व्यक्त की उनमें राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ चुंग जिन-सुक, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिन वोन-सिक, नीति के लिए चीफ ऑफ स्टाफ सुंग ताए-यूं, और यूं के विदेश नीति सलाहकार चांग हो-जिन शामिल हैं।

समाचार एजेंसी योनहाप के अनुसार, कार्यवाहक राष्ट्रपति चोई ने मंगलवार को संवैधानिक कोर्ट में दो न्यायाधीशों की नियुक्ति की, जिससे राष्ट्रपति यून के महाभियोग पर फैसला सुनाए जाने से पहले नौ सदस्यीय पीठ में तीन रिक्तियों को भरने की विपक्ष की मांग आंशिक रूप से पूरी हो गई।

राष्ट्रपति कार्यालय ने चोई की नियुक्तियों पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अंतरिम नेता के रूप में अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम किया है।

कानून के अनुसार, महाभियोग प्रस्ताव को बरकरार रखने के लिए कम से कम छह वोटों की जरूरत। जिसका मतलब है कि तीन अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति से यून के महाभियोग को बरकरार रखने की संभावना बढ़ सकती है। कोर्ट के पास यह तय करने के लिए छह महीने का समय है कि यून को पद से हटाया जाए या उन्हें बहाल किया जाए।

यून सुक योल पर पिछले महीने नेशनल असेंबली द्वारा महाभियोग लगाया गया था। उन्हें 3 दिसंबर को मार्शल लॉ की असफल घोषणा के लिए आपराधिक जांच का भी सामना करना पड़ रहा है।

यून सुक योल के शीर्ष सहयोगियों की ओर से इस्तीफे की पेशकश उस समय की गई जब मंगलवार को सोल की एक अदालत ने यून को गिरफ्तार करने का वारंट जारी किया, जिससे वह गिरफ्तारी का सामना करने वाले पहले दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति बन गए हैं। यून पर मार्शल लॉ की घोषणा करने, विद्रोह की साजिश रचने और सत्ता का दुरुपयोग करने का संदेह है।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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