जेएम फाइनेंशियल के शेयर में 19 प्रतिशत से अधिक की गिरावट..

जेएम फाइनेंशियल के शेयर में 19 प्रतिशत से अधिक की गिरावट..

नई दिल्ली, 06 मार्च। रिजर्व बैंक की तरफ से पाबंदियां लगाए जाने के अगले दिन जेएम फाइनेंशियल के शेयरों में बुधवार को 19 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई और उसका बाजार पूंजीकरण 1484 करोड़ रुपये तक घट गया।

रिजर्व बैंक ने कई तरह की गड़बड़ियां पाए जाने के बाद समूह की कंपनी जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड पर मंगलवार को कई प्रतिबंध लगाए थे।

बीएसई पर कंपनी का शेयर 19.29 प्रतिशत गिरकर 77.10 रुपये पर आ गया। वहीं एनएसई पर यह 18.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77.55 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

इस गिरावट के बीच कंपनी का बाजार पूंजीकरण 1,484.53 करोड़ रुपये घटकर 7,643.63 करोड़ रुपये रह गया।

रिजर्व बैंक ने कंपनी के खिलाफ कार्रवाई उधार दिए गए धन का इस्तेमाल करके अपने ग्राहकों के एक समूह को विभिन्न आईपीओ के लिए बोली लगाने में बार-बार मदद करने पर की है।

केंद्रीय बैंक ने इस गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी को शेयरों एवं डिबेंचर के एवज में किसी भी प्रकार का वित्तपोषण प्रदान करने से रोक दिया है, जिसमें शेयरों की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के साथ-साथ ऋणों की मंजूरी और वितरण भी शामिल है। ये प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।

जेएम फाइनेंशियल के शेयर में 19 प्रतिशत से अधिक की गिरावट

नई दिल्ली, 06 मार्च (वेब वार्ता)। रिजर्व बैंक की तरफ से पाबंदियां लगाए जाने के अगले दिन जेएम फाइनेंशियल के शेयरों में बुधवार को 19 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई और उसका बाजार पूंजीकरण 1484 करोड़ रुपये तक घट गया।

रिजर्व बैंक ने कई तरह की गड़बड़ियां पाए जाने के बाद समूह की कंपनी जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड पर मंगलवार को कई प्रतिबंध लगाए थे।

बीएसई पर कंपनी का शेयर 19.29 प्रतिशत गिरकर 77.10 रुपये पर आ गया। वहीं एनएसई पर यह 18.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77.55 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

इस गिरावट के बीच कंपनी का बाजार पूंजीकरण 1,484.53 करोड़ रुपये घटकर 7,643.63 करोड़ रुपये रह गया।

रिजर्व बैंक ने कंपनी के खिलाफ कार्रवाई उधार दिए गए धन का इस्तेमाल करके अपने ग्राहकों के एक समूह को विभिन्न आईपीओ के लिए बोली लगाने में बार-बार मदद करने पर की है।

केंद्रीय बैंक ने इस गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी को शेयरों एवं डिबेंचर के एवज में किसी भी प्रकार का वित्तपोषण प्रदान करने से रोक दिया है, जिसमें शेयरों की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के साथ-साथ ऋणों की मंजूरी और वितरण भी शामिल है। ये प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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