जिधर युवा चलेगा, उधर भारत चलेगा : प्रधानमंत्री मोदी
जिधर युवा चलेगा, उधर भारत चलेगा : प्रधानमंत्री मोदी
मेरठ, 02 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि युवा नये भारत का कर्णधार भी है, विस्तार भी है। युवा नये भारत का नियंता भी है, नेतृत्वकर्ता भी है। जिधर युवा चलेगा, उधर भारत चलेगा और जिधर भारत चलेगा, उधर ही अब दुनिया चलने वाली है। मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय की आधारशिला रखते हुये यहां वे अपनी बात रख रहे थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज के युवाओं के पास प्राचीनता की विरासत भी है और आधुनिकता का बोध भी है। जिधर युवा चलेगा, उधर भारत चलेगा और जिधर भारत चलेगा, उधर ही अब दुनिया चलने वाली है।
पूर्व की सरकारों पर तीखा व्यंग्य करते हुये प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यहां मेरठ के सोतीगंज बाजार में गाड़ियों के साथ होने वाला खेल भी अब समाप्त हो रहा है। अब उप्र में असली खेल को बढ़ावा मिल रहा है। यहां के युवाओं को खेल की दुनिया में छा जाने का मौका मिल रहा है।
प्रधानमंत्री ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुये कहा कि पांच साल पहले इसी मेरठ की बेटियां शाम होने के बाद अपने घर से निकलने से डरती थीं। आज मेरठ की बेटियां पूरे देश का नाम रौशन कर रही हैं। पहले की सरकारों में यहां के अपराधी अपना खेल खेलते थे। माफिया अपना खेल खेलते थे। पहले यहां अवैध कब्जे के टूर्नामेंट होते थे। बेटियों पर फब्तियां कसने वाले खुलेआम घूमते थे। उन्होंने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश के नौजवानों को उत्तर प्रदेश के पहले खेल विश्वविद्यालय के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। 700 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह आधुनिक दुनिया की श्रेष्ठ स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में से एक होगी।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि भारत के इतिहास में मेरठ का नाम सिर्फ एक शहर का नहीं है, बल्कि मेरठ हमारे सामर्थ्य का भी महत्वपूर्ण केंद्र है। मेरठ ने दुनिया को यह दिखाया है कि भारत का सामर्थ्य क्या है। साल की शुरुआत में मेरठ आना अपने आप में मेरे लिए बहुत अहम है। भारत के इतिहास में मेरठ का स्थान सिर्फ एक शहर का नहीं है, बल्कि मेरठ हमारी संस्कृति और सामर्थ्य का भी महत्वपूर्ण केंद्र है।
उन्होंने कहा कि मेरठ देश की महान संतान मेजर ध्यानचंद की कर्मस्थली रही है। कुछ महीने पहले केंद्र सरकार ने देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार का नाम दद्दा (मेजर ध्यानचंद) के नाम पर किया था। आज मेरठ का खेल विश्वविद्यालय मेजर ध्यान चंद जी को समर्पित किया जा रहा है। अपने संबोधन में उन्होंने चौधरी चरण सिंह का भी स्मरण किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं इस प्रेरणास्थली का वंदन करता हूं। मेरठ और इस क्षेत्र का अभिनंदन करता हूं।
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अपने संबोधन से पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने मेरठ के सलावा में 700 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी। इसके लिये वे दिल्ली से हवाई मार्ग की बजाय सड़क मार्ग से मेरठ पहुंचे।
यहां उन्होंने ओलंपिक और पैरालंपिक खिलाड़ियों से भी बातचीत की। इस दौरान उनके साथ प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी उपस्थित थे। बातचीत के अंत में उन्होंने सभी खिलाड़ियों के साथ तस्वीर भी खिंचवायी। प्रधानमंत्री ने खेल उत्पाद से जुड़ी समग्रियों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और इस दौरान वे कुछेक खेल सामग्रियों का उपयोग कर उसका अनुभव लेते भी दिखे।
अपनी मेरठ यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने 1857 की क्रांति के इतिहास को याद करते हुये राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय का निरीक्षण किया। यह अपने तरह का पहला संग्रहालय है, जहां स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित पत्रों की प्रतियां, सैनिकों की वर्दियों के साथ-साथ अन्य दुर्लभ चीजें भी मौजूद हैं।
विश्वविद्यालय की स्थापना देश के हर भाग में विश्वस्तरीय खेल अवसंरचना स्थापित करने के विषय में प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप है। यह विश्वविद्यालय मेरठ के सरधना कस्बे में स्थित सलावा और कैली गांव में स्थापित किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय में 540 महिला और 540 पुरुष खिलाड़ियों को मिलाकर कुल 1080 खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने की क्षमता होगी। खेल विश्वविद्यालय आधुनिक और उत्कृष्ट खेल अवसंरचना से युक्त होगा।
विश्वविद्यालय में सिंथेटिक हॉकी मैदान, फुटबाल मैदान, बास्केटबॉल के साथ-साथ वॉलीबॉल, हैंडबॉल, कबड्डी ग्राउंड समेत बहुउद्देश्यीय हॉल भी तैयार किया जायेगा। विश्वविद्यालय में निशानेबाजी, तीरंदाजी के साथ अन्य खेलों की सुविधायें भी रहेंगी।
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