क्या ट्रंप के करीबी एलन मस्क का बड़बोलापन अमेरिका के लिए नुकसान दायक साबित होगा.
क्या ट्रंप के करीबी एलन मस्क का बड़बोलापन अमेरिका के लिए नुकसान दायक साबित होगा.

मुंबई, । चुनाव में राजनीतिक पार्टियों को पैसे देना और उनका सपोर्ट करना दुनियाभर में होता है। अमेरिका में भी सालों से ऐसा होता रहा है। लेकिन इस बार के राष्ट्रपति चुनाव के बाद से जो कुछ भी दिख रहा है, वह न सिर्फ अमेरिका के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए बिल्कुल नया है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी एलन मस्क खुलकर उनका सपोर्ट कर रहे थे। इतना ठीक था, लेकिन चुनाव के बाद जिस तरह से मस्क पूरी दुनिया को ज्ञान दे रहे हैं, उससे लगता है कि ट्रंप को आने के बाद मस्क खुद को कुछ ज्यादा ही ताकतवर मान रहे है।
हाल की घटनाओं से दिखाता है कि ट्रंप की वापसी के बाद कैसे अमेरिका के कुछ बिजनेसमैन खुद को ट्रंप सरकार का करीब पेश कर रहे हैं। इसमें सबसे आगे हैं एलन मस्क, और दूसरे जॉर्ज सोरोस हैं जो कि दूसरे देशों पर निशाना साधने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कुर्सी से जाते-जाते सोरोस को अमेरिका का सर्वोच्च नागरिकता सम्मान देकर एक नया विवाद खड़ कर दिया है। यह घटना भी दिखाती है कि कैसे सरकारें खुलेआम अपने चहेते अरबपतियों को सपोर्ट करती हैं। खैर, मस्क का नया रूप आम आदमी को भले ही अच्छा लगे लेकिन हर किसी के फट्टे में टांग अड़ाने की उनकी आदत दुनिया के कई बड़े नेताओं को अच्छी नहीं लग रही।
मस्क हालिया चुनाव के बाद इतना मुखर कैसे हो गए, इसके पीछे दो बड़ी वजहें हैं। पहली बात ये है कि अमेरिका के नए राष्ट्रपति ट्रंप भी एक बिजनेसमैन हैं। जाहिर है कि दुनिया के सबसे बड़े बिजनेसमैन के साथ उनकी करीबी स्वाभाविक तौर पर रहेगी। दूसरी बात कि मस्क भी खुले हाथों ट्रंप पर लक्ष्मी लुटा रहे हैं। चुनाव के दौरान मस्क ने करीब 2,142.5 करोड़ रुपये ट्रंप के अभियान में खर्च किए। अब जबकि सस्ता ट्रंप के हाथ हैं, तब मस्क इसका फायदा जरूर ही उठाना चाहते हैं, ये हुई अलग बात, लेकिन जिस तरह वे दुनिया के अन्य देशों के खिलाफ जहर उगल रहे है, वह सभी को अखरने लगा है। मस्क ने हाल में यूरोपीय देश जर्मनी में होने वाले चुनाव पर निशाना साधा था। इसके बाद यूरोप के तमाम नेताओं ने मस्क को आड़े हाथों लिया। मस्क ने जर्मन चांसलर ओलाफ शोज को ‘मूर्ख’ बताया था और उन्हें इस्तीफा देने की नसीहत तक दे डाली थी। इसके बाद जर्मन चांसलर ने मस्क को तगड़ा रिप्लाई किया।
दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट