कृषि कानून 30 दिन में वापस लिए गए होते तो 700 किसानों की जान नहीं जाती : भाजपा नेता
कृषि कानून 30 दिन में वापस लिए गए होते तो 700 किसानों की जान नहीं जाती : भाजपा नेता
बलिया (उप्र), 24 नवंबर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य एवं पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने तीन कृषि कानूनों को लेकर अपनी ही पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसान आंदोलन शुरू होने के 30 दिनों के भीतर यदि कृषि कानून वापस ले लिए गए होते तो 700 किसानों की जान नहीं जाती।
भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य राम इकबाल सिंह ने मंगलवार की शाम जिले के नगरा में पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने देश की आजादी के संबंध में अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान के लिए रनौत को ”मनचली” करार दिया। उन्होंने कहा, ”किसान आंदोलन शुरू
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होने के 30 दिन के भीतर यदि कृषि कानून वापस ले लिए गए होते तो 700 किसानों की जान नहीं जाती। 700 लोगों की जिंदगी और सात सौ परिवार उजड़ने के बाद यह फैसला लेटलतीफी का सूचक है।”
भाजपा नेता ने कहा, ”सरकार को किसानों की सभी मांगे मान लेनी चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मृत किसानों के परिजनों को कम से कम 50 लाख रुपये मुआवजा और घर के एक सदस्य को नौकरी देनी चाहिए। यदि आश्रित शिक्षित न हो तो उसे प्रतिमाह 20 हजार मानदेय व नाबालिग हो तो उसके पढ़ाई का खर्च और यदि विधवा हो तो 25 हजार रुपये प्रति माह पेंशन देनी चाहिए।” गौरतलब है कि किसान संगठनों का दावा है कि विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में 750 किसानों ने अपनी जान गंवाई है। एक प्रश्न के उत्तर में सिंह ने रनौत के बयानों के लिए उन्हें मनचली बताया और कहा कि सरकार को अभिनेत्री के खिलाफ रासुका लगानी चाहिए।
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