कुशीनगर में यातायात व्यवस्था में जिला प्रशासन ने किया जागरुकता…
कुशीनगर में यातायात व्यवस्था में जिला प्रशासन ने किया जागरुकता…

कुशीनगर, 14 जून । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी मोहम्मद अजीम ने बताया कि शासन द्वारा निर्देशित सड़क सुरक्षा अभियान अंतर्गत उदित नारायण इंटर कॉलेज पडरौना कुशीनगर में छात्रों को सड़क सुरक्षा संबंधित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें एनसीसीए स्काउटए गाइड एकॉलेज के छात्रों ने प्रतिभाग किया। कॉलेज के प्रधानाचार्य व अध्यापक गणए एनसीसी के कोऑर्डिनेटर सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, यात्री मालकर अधिकारी राजकुमार, संभागीय निरीक्षक आरडी प्रसाद द्वारा उपस्थित छात्रों को पंपलेट वितरित किए गए तथा एलईडी डिस्प्ले के माध्यम से सड़क सुरक्षा संबंधी क्लिपिंग संदेश दिखाया गया। उन्होंने बताया कि सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने हेतु छात्रों को जागरूक किया गया तथा उनसे अपील की गई कि वे अपने परिवार में समाज में मोहल्ले में सड़क सुरक्षा की जागरूकता के प्रति और लोगों को भी जागरूक करें। इस क्रम में सड़क सुरक्षा जागरूकता शपथ उपस्थित बच्चों तथा अध्यापकों को भी दिलाया गया। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ने बताया कि सड़क सुरक्षा अभियान में प्रवर्तन कार्रवाई करते हुए ओवरलोड में चार वाहनों का चालान किया गया तथा तीन वाहनों को बंद किया गया। अनधिकृत रूप से संचालन करती पाई गई कसया डिपो के पास दो बसों को थाने में बंद किया गया। अनफिट ऑटो तथा यात्री वाहनों, स्कूली वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए 11 वाहनों का चालान किया गया। प्रवर्तन कार्यवाही में बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट का प्रयोग करने वाले वाहनों के विरुद्ध कार्यवाही की गई। यद्यपि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों में बने कमरतोड़ ब्रेकर हटाने के निर्देश दिए थे। ताकि यातायात के नियमों का पालन हो सके। इसके बावजूद जनपद में अधिकतर मार्गों पर कमरतोड़ ब्रेकर बरकरार हैं। जहां प्रशासन इस मामले में गंभीर नहीं है वहीं, जनप्रतिनिधि भी इस दिशा में गंभीर नहीं दिख रहे। जिससे यातायात प्रभावित होता है। 11 व 12 जून को प्रदेश के जलशक्ति व सिंचाई मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का काफिला पडरौना से कसया मार्ग बाड़ीपुल स्थित स्पीड ब्रेकर से कई बार गुजरा। लेकिन, इस ओर उनका भी ध्यान नहीं आ सका। मनमानी बने ब्रेकर से वाहनों में बैठे लोगों को काफी परेशानी होती है। कई बार इन मार्गों से निकलने वाली एंबुलेंस में मौजूद मरीजों को दोगुना दर्द झेलना पड़ता है। ब्रेकर पर गिरकर कई राहगीर घायल भी हो चुके हैं। जिले में पडरौना से कसया मार्ग, खड्डा, दुदही, कठकुईया, कुबेरस्थान, मंशाछापर, जटहा सहित इन मार्गो पर मानक के विपरीत स्पीड ब्रेकर बनाए गए है। ऐसे स्पीड ब्रेकर से सबसे अधिक परेशानी दो पहिया वाहन चालकों को होती है। बाइक सवार अक्सर झटका खाकर हादसे के शिकार हो जाते हैं। यहां जो ब्रेकर बनाए गए हैं, उन्हें देखकर लगता है कि इनके निर्माण में मानक की चिंता नहीं की गई है। ग्रामीण इलाकों में तो मनमर्जी ब्रेकर बनाए गए हैं। लोगों ने जहां चाहा है वहीं पर गिट्टी और ईंट डालकर ब्रेकर तैयार कर दिया है। नियम के मुताबिक स्पीड ब्रेकर लगाने से पहले चालक को सचेत करने के लिए 50 से 80 मीटर पहले चेतावनी बोर्ड लगाना आवश्यक है। ब्रेकर पर पेंट और रात में दिखाई पड़ने के लिए रेडियम पट्टी लगाना आवश्यक है, लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते ऐसा नहीं है। जिले में अधिकतर स्थानों पर स्पीड ब्रेकर मानक विहीन बने है। ऐसे ब्रेकर से होकर रोजाना प्रशासन के अधिकारी गुजरते हैं। लेकिन उनकी नजर नहीं पड़ती। संबंधित अधिकारियों की लापरवाही से स्पीड ब्रेकर को मानक से अधिक ऊंचा किया जाता है। इससे राहगीरों को परेशानी होती है। स्पीड ब्रेकर की गड़बड़ी से आए दिन राहगीर गिरकर घायल हो जा रहे हैं। इसकी शिकायत करने पर भी कोई संज्ञान नहीं लेता है।
दीदारे हिन्द की रिपोर्ट