करोड़ों रूपये फूंक लगवाये गए स्मॉग टावर भीं नहीं नियंत्रित कर पाए प्रदूषण : विनोद जायस…

करोड़ों रूपये फूंक लगवाये गए स्मॉग टावर भीं नहीं नियंत्रित कर पाए प्रदूषण : विनोद जायस…

नई दिल्ली, । दिल्ली सरकार द्वारा कनाट प्लेस तथा पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर में प्रदूषण कम करने के लिए करोड़ो रूपये लगा कर समाग टावर बनाये गए थे लेकिन वे भी राजधानी दिल्ली का प्रदूषण नियंत्रित नहीं कर पाए। इसके अलावा भी दावे किये गए थे और कई करोड़ रूपये प्रदूषण कम करने की योजनाओं पर खर्च किये गए बावजूद इसके दिल्ली प्रदूषण में विश्व की अंकतालिका में प्रथम स्थान पर आई है। यह कहना है भजनपुरा क्षेत्र के प्रमुख समाजसेवी कांग्रेस नेता ठाकुर विनोद जायस का। विनोद जायस कहते हैं राजधानी में प्रत्येक वर्ष सर्दियों में प्रदूषण दम घोटू बन जाता है परंतु इस वर्ष अक्टूबर से ही वायु प्रदूषण का एक्यूआई रिकॉर्ड तोड़ उच्च स्थान पर पहुंच गया है, मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए 15 सूत्री विन्टर एक्शन प्लान की घोषणा की थी, जिसकी पोल 20 दिनों में ही खुल गई है और प्रदूषित वायु से दिल्ली के लोगों का दम घुट रहा है। विनोद जायस ने कहा कि राजधानी में प्रदूषण के लिए भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनो बराबर के जिम्मेदार है। जहां भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम ने जगह-जगह कूड़े के ढ़ेर लगाए है, वहीं आम आदमी पार्टी ने राजनीति से प्रेरित होकर 5 अक्टूबर को दिल्ली में 3500 से अधिक कूड़े के ढ़ेरां में आग लगाकर प्रदूषण बढ़ाने में आग में घी डालने का काम किया, परिणामस्वरुप वायु पूर्वानुमान से पहले ही खतरनाक श्रेणी में पहुंच गई। विनोद जायस ने कहा कि मुख्यमंत्री के विन्टर एक्टन प्लान में प्रदूषण नियंत्रण के लिए पराली डिकम्पोज़र को प्रथम स्थान दिया है उस पराली घोल को पंजाब की मान सरकार के प्रदूषण बोर्ड में फेल करार दिया है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने 68 लाख पराली घोल इस्तेमाल के प्रचार के लिए 23 करोड़ खर्च करके केन्द्रीय एजेंसियों को गुमराह किया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली में करोड़ो रुपये खर्च करके कनॉट प्लेस और आनन्द विहार में प्रदूषण नियंत्रण के लिए दो स्मॉग टावर लगवाऐं, वो प्रदूषण नियंत्रित करने सहित हर मोर्चे पर विफल साबित हुए। उन्होंने कहा कि प्रदूषण रोकथाम के लिए विंटर एक्शन प्लान के 15 सूत्री कार्यक्रम में हर वर्ष की भांति मुद्दे रखे गए है जिन पर 8 वर्षों से सरकार विफल साबित होती आ रही है।

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