करीब आए, मुस्कुराए और हाथ मिलाए; मोदी-पुतिन और जिनपिंग की तिकड़ी देख ट्रंप होंगे परेशान…
करीब आए, मुस्कुराए और हाथ मिलाए; मोदी-पुतिन और जिनपिंग की तिकड़ी देख ट्रंप होंगे परेशान…
तियानजिन,। चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समिट चल रहा है। इस बीच सोमवार को एक बड़ी तस्वीर देखने को मिली, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तिकड़ी ने एससीओ मंच पर आगे बढ़कर, मुस्कुराते हुए एक दूसरे से हाथ मिलाए।
थोड़ी देर तक तीनों नेता मुस्कुराते रहे और तीनों एक-दूसरे की बात सुनते रहे। चीन के तियानजिन से आई यह तस्वीर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को परेशान कर सकती है, जिन्होंने भारत पर 50 फीसदी का टैरिफ बम फोड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा की है और लिखा है,”तियानजिन में बातचीत जारी! एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति शी के साथ विचारों का आदान-प्रदान।”
दुनियाभर की निगाहें एससीओ पर
भारत समेत दुनियाभर के देशों पर ट्रंप के भारी-भरकम टैरिफ टेंशन के बीच अब सबकी निगाहें एससीओ शिखर सम्मेलन और इसके बड़े नेताओं की मीटिंग पर है। लोग इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि एससीओ के देश क्या तय करते हैं। जिस वक्त ये तीनों नेता आपस में हाथ पकड़े मुस्कुरा रहे थे, उस वक्त पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ वहीं बगल में खड़े होकर ये सब देख रहे थे।
पीएम मोदी ने शी संग की द्विपक्षीय वार्ता
बता दें कि रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की थी। आज रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से उनकी द्विपक्षीय बातचीत होनी है। दस सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों का शिखर सम्मेलन सोमवार को चीन के तियानजिन में शुरू हुआ। 25वें शिखर सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत रविवार रात शी जिनपिंग द्वारा आयोजित एक भव्य भोज के साथ हुई। इसमें प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत अन्य नेता भी शामिल हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संगठन के अन्य नेताओं के साथ मिलकर इस समूह की भावी दिशा तय करने के लिए एक दिवसीय शिखर सम्मेलन में विचार-विमर्श शुरू किया है।
10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख आमंत्रित
इस वर्ष का शिखर सम्मेलन एससीओ समूह का सबसे बड़ा शिखर सम्मेलन बताया गया है, क्योंकि इस वर्ष एससीओ के अध्यक्ष चीन ने ‘एससीओ प्लस’ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस सहित 20 विदेशी नेताओं और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों को आमंत्रित किया है। सोमवार को विभिन्न नेता बैठक को संबोधित करेंगे तथा संगठन के लिए अपने भविष्य के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करेंगे।
क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की रक्षा पर जोर
स्वागत भोज पर अपने संबोधन में शी ने कहा कि एससीओ पर क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की रक्षा करने तथा बढ़ती अनिश्चितताओं और तेज परिवर्तन की दुनिया में विभिन्न देशों के विकास को बढ़ावा देने की बड़ी जिम्मेदारी है। शी ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी पक्षों के सम्मिलित प्रयासों से शिखर सम्मेलन पूर्णतः सफल होगा तथा एससीओ निश्चित रूप से और भी बड़ी भूमिका निभाएगा, सदस्य देशों के बीच एकता और सहयोग को बढ़ावा देने में अधिक योगदान देगा, ‘ग्लोबल साउथ’ की ताकत को एकजुट करेगा तथा मानव सभ्यता की और अधिक प्रगति को बढ़ावा देगा। ‘ग्लोबल साउथ’ का संदर्भ आर्थिक रूप से कमजोर देशों के समूह के लिए दिया जाता है।
एससीओ में अब 26 देश
एससीओ की स्थापना जून 2001 में शंघाई में हुई थी और इसमें छह संस्थापक सदस्य थे। अब 26 देश इसका हिस्सा हैं, जिनमें 10 सदस्य, दो पर्यवेक्षक और 14 वार्ता साझेदार शामिल हैं, जो एशिया, यूरोप और अफ्रीका में फैले हुए हैं। प्रमुख उभरते बाजारों और चीन, रूस तथा भारत जैसे विकासशील देशों के सदस्यों के साथ, एससीओ विश्व की लगभग आधी आबादी और वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक-चौथाई का प्रतिनिधित्व करता है।
दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट