कथा संवाद समृद्ध कर रहा है हमारी वाचिक परंपरा : प्रो. संजय..
कथा संवाद समृद्ध कर रहा है हमारी वाचिक परंपरा : प्रो. संजय..
गाजियाबाद, 17 अक्टूबर। भारत से ही किस्सागोई की परंपरा पूरे विश्व में फैली है। हमारी वाचिक परंपरा ने ही वेद, पुराण, उपनिषद जैसे ग्रंथों को संरक्षित करने का काम किया है। कथा संवाद हमारी वाचिक परंपरा को समृद्ध कर रहा है।
ये बातें भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने रविवार को होटल रेडबरी में आयोजित कथा संवाद के कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि साहित्यकार की जिम्मेदारी है कि वह लिखने से पहले हमेशा सोचे कि लेखन का उद्देश्य क्या है।
मीडिया 360 लिट्रेरी फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रेणु हुसैन ने कहा कि जब हम कहानी पर संकट की बात करते हैं तो गाजियाबाद शहर में कथा संवाद जैसी कार्शालाएं आश्वस्त करती हैं कि कुछ लोग हैं जो बगैर किसी शोर शराबे के अपना काम कर रहे हैं। रचनाकार सुभाष चंदर ने कहा कि लेखन विन्यास की वह प्रक्रिया है जिसमें एक सलाई लेखक तो दूसरी पाठक के हाथ में होती है। बंधन ढीला होते ही पाठक कट जाता है। आलोक यात्री ने कहा कि कथा संवाद की कार्यशाला कहानी के अस्तित्व पर मंडरा रहे संकट को दूर करने का प्रयास कर रही है।
रेणु हुसैन ने ”वह दुनिया की सबसे खूबसूरत औरत थी”, अर्चना शर्मा ने ”वो कहां था” पुष्पा जोशी ने ”उत्तराधिकारी”, रिंकल शर्मा ने ”प्यारा सा ठग”, रश्मि वर्मा ने ”फोर बैडरूम फ्लैट”, मीडिया 360 लिट्रेरी फाउंडेशन के अध्यक्ष शिवराज सिंह ने ”इकलौती” कहानियों का पाठ किया। सभी रचनाओं की मुक्त कंठ से सराहना की गई।
कहानियों पर विमर्श में विपिन जैन, सुरेंद्र सिंघल, अनिल शर्मा, अक्षयवर नाथ श्रीवास्तव, डॉ. पूनम सिंह, डॉ. बीना शर्मा, वागीश शर्मा, तेजवीर सिंह, मुकेश भटनागर, देवव्रत चौधरी ने सक्रिय हिस्सेदारी निभाई। डॉ. पूनम सिंह एवं तेजवीर सिंह को दीप स्मृति कथा सम्मान व मनु लक्ष्मी मिश्रा को किआन कथा सम्मान दिया गया। इस अवसर पर डॉ. तारा गुप्ता, सुशील कुमार शर्मा, डॉ. प्रीति कौशिक, अनिमेष शर्मा, शकील अहमद सैफ और साजिद खान सहित बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद थे। कार्यक्रम का समापन लेखक शेखर जोशी को श्रद्धांजलि से हुआ।
दीदार ए हिन्द की रिपोर्ट