ओवैसी की पार्टी से चुनाव लड़ रहे अकेले ब्राह्मण मनमोहन झा बोले: समाजवादी पार्टी अब पूंजीवाद की गोद में बैठी
ओवैसी की पार्टी से चुनाव लड़ रहे अकेले ब्राह्मण मनमोहन झा बोले: समाजवादी पार्टी अब पूंजीवाद की गोद में बैठी
नई दिल्ली, 19 जनवरी। उत्तरप्रदेश प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर तमाम पार्टियां अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रही हैं। ऐसे में 22 साल तक समाजवादी पार्टी में रहे अब एआईएमआईएम पार्टी में अकेले ब्राह्मण पंडित मनमोहन झा गाजियाबाद के साहिबाबाद से चुनाव लड़ रहे हैं। मूल रूप से बिहार निवासी मनमोहन झा ने कहा , समाजवादी पार्टी कहीं न कहीं पूंजी वाद के गोद में बैठ गई है। राजनीति में पूंजीवाद आ जाए तो निश्चिंत होकर समझ लेना चाहिए कि गरीब, मजदूर और किसानों के अधिकारों का हनन होगा।
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने गाजियाबाद की साहिबाबाद से एक हिंदू और वो भी ब्राह्मण उम्मीदवार को टिकट देकर सबको चौंका दिया है। दरअसल मनमोहन झा ने अपना राजनीतिक की शुरूआत सपा में वार्ड उपाध्यक्ष से की थी। हफ्ते भर पहले साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र के इंचार्ज रहते हुए उन्होंने पार्टी छोड़ी।
पार्टी में अकेले ब्राह्मण चहरे होने पर मनमोहन झा बोले, यह उन लोगों के लिए करारा जवाब है जो समाज में सिर्फ हिंदू और मुस्लिम कर जहर घोलने का काम करते हैं। ओवैसी जी के ऊपर लगे आरोपों का यह जवाब है। वह सविधान के लिए काम कर रहे हैं और अपनी पार्टियों के नीति के तहत दबे- कुचले लोगों की आवाज को बुलंद करने का काम कर रहे हैं।
एआईएमआईएम सिर्फ मुसलमानों की पार्टी है ऐसा नहीं है। आज एक पंडित जुड़ा है कल अन्य पंडित इस पार्टी से जुड़ेंगे। हम राजनीति सत्ता के लिए नहीं करते और न ही किसी को दबाने के लिए करते हैं। अपनी राजनीति से आखिरी सीट पर बैठे व्यक्ति के चहरे पर भी मुस्कान लाना है।
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22 साल समाजवादी पार्टी में रहे साहिबाबाद से उधर सीट नहीं मिली तो आपने पार्टी बदल दी इसमें कितनी सच्चाई है ? इस सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि, यह कहना गलत होगा, जब मैंने एआईएमआईएम जॉइन की तो टिकट नहीं मांगा था, हमें पार्टी के विचारों में आस्था है। गरीबों की आवाज उठाने के लिए आलाकमान ने हमको चुनाव में उतार दिया है। यदि टिकट की लालच होती तो हम किसी भी पार्टी में चले जाते। यह गरीब बनाम अमीर की लड़ाई है और मजदूर हमारे भाग्य का निर्णय करेगा।
क्या एआईएमआईएम सिर्फ वोट काटने पर काम कर रही है ? इसपर उन्होंने जवाब दिया कि, जो लोग वोट काटने का आरोप लगाते हैं हम पूछना चाहते हैं कि पिछले चुनाव में बसपा व समाजवादी पार्टी को कितना वोट मिला ? पिछले विधानसभा चुनाव में करीब 18 सीटों पर लड़े, इस बार 100 पर लड़ रहे हैं और आगामी चुनाव में पूरे प्रदेश में लड़ेंगे जीतेंगे और सत्ता बनाएंगे।
साहिबाबाद क्षेत्र में बिहार और पूर्वांचल लोगों की आधी आबादी है। 10 लाख वोट में 5 लाख वोट हैं। अल्पसंख्यक समाज का एक लाख 62 हजार वोट है तो यह आरोप लगाने वाले वही लोग जिनकी जमीनें खिसक रही हैं। विधानसभा में साहिबाबाद के मुद्दों को उठाते हुए आप जरूर हमें देखेंगे।
दरअसल एआईएमआईएम ने उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए अपनी दूसरी सूची जारी कर 8 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की। वहीं झा खुद को बिहार के मैथिल ब्राह्मण बताते हैं और इलाके के लोगों में वह खासतौर पर गामा के नाम से ही चर्चित हैं।
दरअसल उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में चुनाव होंगे। यूपी में इन चरणों के तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होगा। 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे। साथ ही पहले चरण की शुरूआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों से होगी और धीरे-धीरे कारवां बढ़ते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश पर जाकर समाप्त होगा।
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