ऑफिस गॉसिपिंग कहीं रोक न दें आपकी तरक्की की राह….
ऑफिस गॉसिपिंग कहीं रोक न दें आपकी तरक्की की राह….
ऑफिस में काम करते हुए हमारा ऐसे कर्मियों से भी सामना होता है, जो बेहद आलसी स्वभाव के होते हैं या फिर गॉसिपिंग में डूबे रहने में उन्हें आनंद आता है। इस तरह वे न सिर्फ खुद की तरक्की में बाधक बनते हैं, बल्कि अपने साथ शामिल सहकर्मियों को भी मुसीबत में डाल देते हैं…
किसी भी ऑफिस में सभी लोग एक जैसी सोच रखने वाले हों, यह जरूरी नहीं। हो सकता है आपको अपना काम बेहतर तरीके से करने में मजा आता हो और किसी को अनाप-शनाप झूठी कहानियां गढ़ आपके मन की शांति भंग करने में। इनके फेर में हम जितना पड़ते हैं, उतना ही ज्यादा फंसते चले जाते हैं। यही वजह है कि ऐसे लोग 9-10 घंटे काम करने के बावजूद अपने सीनियर्स के चहेते नहीं बन पाते। जब अप्रेजल का मौका आता है तो गॉसिप का हिस्सा बनने पर आप पर भी इसकी गाज गिरती है। ऑफिस में गॉसिप करना सही नहीं होता, लेकिन यह भी सच है कि इससे बच पाना भी आसान नहीं। ऑफिस में कई ऐसे मुद्दे होते हैं, जिन पर लोग घंटों गॉसिप करते हैं। ऐसे में इस बात का ख्याल रखें कि सहकर्मियों के साथ गप्पें मारते वक्त जुबान नियंत्रण में रहे। आपको पता होना चाहिए कि किसके बारे में क्या और कितना बोलना है।
ऑफिस गॉसिप से किनारा:- प्रत्येक ऑफिस में दूसरों के बारे में बातें बनाने और फैलाने वाले कुछ लोग जरूर होते हैं। उन्हें इस तरह की बातों में रस आता है और लगता है कि ऑफिस गॉसिप्स के बिना तो ऑफिस, ऑफिस ही नहीं लगता। अगर आपने आज ही इनसे किनारा नहीं किया तो एक दिन यकीनन आप बुरी तरह से फंस जाएंगे।
चर्चा का विषय ही बदल दें:- अगर आपको लगता है कि आपको अफवाहों, बेकार की बातों या दूसरों के खिलाफ जहर उगलने की चर्चा में जबरदस्ती हिस्सा बनाया जा रहा है और आप इसका हिस्सा नहीं बनना चाहते तो किसी दूसरी बात की चर्चा शुरू कर दें, जिसमें सबकी रुचि भी हो और वह किसी पर व्यक्तिगत हमला भी न हो। याद रखें, नया विषय रोचक होना चाहिए, जिसमें सभी को रस आए और वे ऑफिस गॉसिप को छोड़ कर उसमें रुचि लेने लगें।
अच्छी छवि से बदलें दूसरों की राय:- आप अनुशासित हैं तो इसका असर पूरे माहौल पर पड़ता है। समय से ऑफिस पहुंचने से आप खुद तो आत्मविश्वासी रहते ही हैं, इससे दूसरों पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। साथ ही आपकी छवि भी अच्छी बनती है। वहीं अगर आप देर से दफ्तर आते हैं, घंटों वहां के गलियारे में मोबाइल फोन पर बात करते रहते हैं, डेस्क पर बैठे-बैठे सो जाते हैं तो यह सब न केवल आपकी नकारात्मक छवि बनाएगा, बल्कि ऑफिस गॉसिप को भी अधिक बल मिलेगा।
विनम्रता से करें विरोध:- ऑफिस में नकारात्मक लोगों की भी कमी नहीं होती। वे किसी व्यक्ति विशेष या हालात के बारे में काल्पनिक और मनगढ़ंत नकारात्मक बातें गढ़ लेते हैं और उन्हें दूसरों से शेयर करते हैं। ऐसे लोगों से निबटने का तरीका यह है कि जब भी वे आपके किसी सहयोगी के बारे में उल्टा-सीधा कहें, आप तुरंत उसके बारे में कोई सकारात्मक टिप्पणी कर दें। मसलन, कुछ भी हो, पर वह है बहुत बुद्धिमान, उसके बात करने का तरीका कितना प्रभावी है आदि। इस तरह की प्रतिक्रिया से गॉसिप फैलाने वालों का उत्साह आसानी से कम किया जा सकता है।
विरोधियों को भी पहचानें:- अगर आप ऑफिस में लोकप्रिय हैं, काम करने में माहिर हैं, साथी और अधिकारी आपकी तारीफ करते हैं तो इतने भर से ही बेफिक्र नहीं हो जाना चाहिए। बल्कि ऐसे में और सतर्क हो जाना चाहिए, क्योंकि कामयाब इंसान की छवि को खराब करने के लिए लोग मौका तलाशते रहते हैं। जिनसे आपका सीधा सरोकार या प्रतियोगिता है, उनकी गतिविधियों पर हमेशा नजर रखनी चाहिए।
दूसरों को भी दें सम्मान:- आपकी पहचान आपकी सोच और उसकी अभिव्यक्ति से बनती है। आप अड़ियल हैं या उदार, इसका पता आपके व्यवहार से चल जाता है। बदलते और प्रतिस्पर्धा भरे माहौल में आज करियर में आगे बढ़ने के पैमाने भी बदल चुके हैं। इसके लिए प्रोडक्टिव होना तो जरूरी है ही, साथ ही सॉफ्ट स्किल्स की भी बहुत जरूरत होती है। आप अपने सीनियर व साथियों को उचित सम्मान दें। आपका अच्छा व्यवहार आपको बदले में सम्मान दिलाने के साथ-साथ आपके व्यक्तित्व को भी निखारेगा।
खुद को पहचानें:- आप ऑफिस में अपनी स्थिति के बारे में विचार करें। प्रोफेशनल मुकाबले में आप कहां ठहरते हैं? प्रतिस्पर्धा को आप किस नजर से देखते हैं? दूसरों को तरक्की करते देख आप प्रसन्न होते हैं या उनकी कामयाबी को सिरे से खारिज कर देते हैं? आप साथियों की जलन के शिकार हैं या कामयाब लोगों को अपनी जलन का शिकार बना रहे हैं, ऐसे चंद कठोर और अप्रिय सवाल खुद से करने पर सही तस्वीर आपके सामने आ जाएगी।
तो फिर नहीं मिलती कामयाबी:- ऑफिस में काम करने वालों के बीच एक दूसरे की टांग घसीटने वाली भावनाएं रहेंगी तो उसका नुकसान देर-सवेर सामने आ ही जाएगा। काबिल आदमी तो अपना रास्ता और पहचान बना ही लेगा, लेकिन जलने वालों के लिए रास्ते बंद होते जाएंगे। चापलूसी, गप लड़ाने, अफवाह उड़ाने, शिकायतबाजी, चरित्र हनन जैसे काम करने वालों को हो सकता है क्षणिक सुख, संतोष और लाभ मिल जाए, लेकिन ऐसे लोग लंबी दौड़ में कामयाब नहीं हो पाते।
कार्य व माहौल से करें प्यार:- यदि आप सोच रहे हैं कि घर की तरह ऑफिस भी किसी एक इंसान से तो नहीं बनता, फिर अच्छे माहौल की गारंटी कोई एक व्यक्ति कैसे और क्यों ले? तो बेशक आप सही सोच रहे हैं, लेकिन यह बात भी उतनी ही सही है कि हर व्यक्ति अपने-अपने स्तर पर कोशिश करे तो ऑफिस क्या, पूरा समाज बदला जा सकता है। इसलिए ऑफिस के माहौल को बेहतर बनाने के लिए आप अपनी ओर से तो कोशिश कर ही सकते हैं। कुछ और हो न हो, आपको जॉब संतुष्टि मिलेगी, काम में मन लगेगा और जाहिर है आउटपुट भी बेहतर होगा।
सोच समझ कर करें टिप्पणी:- ध्यान रहे, अगर आप किसी सहकर्मी को अच्छे से नहीं जानते तो उसके बारे में कोई टिप्पणी न करें और न ही ऐसी किसी गॉसिप का हिस्सा बनें। यह भी सच है कि आपका किया गया एक कमेंट चारों ओर किसी दूसरे ही रूप में पेश किया जाएगा। अगर आपकी मौजूदगी में ऐसी बातें हो भी रही हों तो या तो वहां से हट जाएं या मर्यादा में रह कर टिप्पणी करें या फिर चुप्पी साध लें। अगर छोटी सोच के लोग ऐसी बातें करते हैं, दूसरों के बारे में अनर्गल टिप्पणियां करते हैं तो ऐसे लोगों के बीच उठ बैठ कर हम क्यों अपनी छवि भी इस तरह की बनाएं कि दूसरों की नजरों में नीचा देखना पड़े।
मोबाइल फोन से होता है कामकाज प्रभावित:- मोबाइल और ऑफिस के कामकाज पर हुए एक सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार कर्मचारियों का ऑफिस में टेक्सटिंग और मोबाइल इस्तेमाल करना कामकाज को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। सर्वे में मोबाइल को सबसे बुरी लतों में माना गया है। कर्मचारियों की यह आदत 50 प्रतिशत नियोक्ताओं को भी सबसे ज्यादा बुरी लगती है। ब्रिटेन में कर्मचारियों की नियुक्ति में मदद करने वाली कंपनी करियर बिल्डर ने इस सर्वे के लिए कर्मचारियों और नियोक्ताओं से बातचीत की। सर्वे के मुताबिक, पहले ऑफिस के कामकाज को सबसे अधिक प्रभावित करने वाला गॉसिप अब दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। वहीं शोर मचाने वाले कर्मचारी, इंटरनेट का निजी इस्तेमाल और धूम्रपान के लिए बार-बार ब्रेक लेना अन्य बड़ी वजहें हैं, जिनसे उत्पादकता प्रभावित होती है।
दफ्तर में अपनी छवि अच्छी बनाए रखने के टिप्स:-
-अपने डॉक्यूमेंट और फोल्डर इत्यादि को कॉपी कर सही जगह पर संभाल कर रखें। जो दस्तावेज आपकी गुणवत्ता को प्रमाणित करते हों, उन्हें पर्सनल मेल पर अवश्य सेव करके रखें। आगे बढ़ने के लिए इस तरह के मेल काम आते हैं।
-ऑफिस पॉलिटिक्स से बचने के लिए बेहतर होगा कि आप लोगों के साथ मिल-जुल कर रहें।
-ऑफिस में पावर स्ट्रगल का हिस्सा न बनें। इससे आपके फोकस और उत्पादकता पर बुरा असर पड़ेगा।
-अपने ग्रुप या वरिष्ठ साथियों की बातों को खुले में न कहें। अपनी कंपनी से जुड़े मतभेदों की भी बाहर के लोगों के साथ चर्चा न करें।
-अफवाह पर लगाम लगाने में आपकी नेटवर्किंग की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।
-किसी की तारीफ या फिर बुराई, दोनों ही संतुलित मात्रा में होनी चाहिए।
-आम तौर पर सहकर्मियों से अपनी बातचीत कामकाज तक ही सीमित रखें।
-खुद से जुड़ी बातों पर भावनात्मक प्रतिक्रिया देना बंद करें।
-अगर आपके बारे में कोई अफवाह फैलाई जा रही है तो उससे निबटने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप उस पर अपनी कोई प्रतिक्रिया ही न दें।
-इसकी जगह जिस व्यक्ति ने आपके बारे में अफवाह फैलाई है, तथ्य इकट्ठा कर उससे सीधे सवाल करें।
-लोगों और सहयोगियों के काम में मदद करें। कोई किसी काम में सहायता मांगे तो वक्त निकाल कर उसे कर दें।
-गपबाजी से दूर रहें। क्या पता कौन सी बात किस रंग में किसी के सामने पहुंच जाए?
-अपनी बात को सीधे कहना सीखें। घुमा-फिरा कर बात कहने से अर्थ का अनर्थ निकाला जा सकता है।
-ऑफिस पॉलिटिक्स से परेशान न हों।
दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट