एकदिवसीय विश्वकप क्रिकेट के लिए ओलंपिक की तरह : स्टीव वॉ -आगे भी इस प्रारुप का महत्व बना रहेगा..

एकदिवसीय विश्वकप क्रिकेट के लिए ओलंपिक की तरह : स्टीव वॉ -आगे भी इस प्रारुप का महत्व बना रहेगा..

सिडनी, 26 अप्रैल । टी20 क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता के बाद पिछले कुछ साल में एक दिवसीय क्रिकेट का आकर्षण घटा है। ऐसे में एकदिवसीय क्रिकेट के भविष्य पर भी सवाल उठने लगे है। जहां कई दिग्गजों का मानना है की आने वाले समय में एकदिवसीय क्रिकेट प्रासंगिक नहीं रहेगा। वहीं दूसरी ओर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ का मानना है कि एकदिवसीय प्रारुप का महत्व आगे भी बना रहेगा। उन्होंने कहा कि एकदिवसीय विश्वकप क्रिकेट के लिए ओलंपिक के समान है। वॉ ने माना है कि छोटे प्रारूपों के बढ़ते दबाव से इसपर प्रभाव पड़ा है लेकिन इसके बाद भी 2023 विश्व कप भारी तादाद में लोगों ने देखा था। उन्होंने कहा कि हर किसी को लगता है कि एकदिवसीय क्रिकेट नहीं बचेगा पर सच ये है कि इसकी रेटिंग काफी ऊंची है और उसे लोग पसंद करते हैं। विश्व कप के बाद फिर इसमें रूचि कम हो जाती है और फिर बढ़ती है। यही हालात बने रहते हैं। वॉ ने कहा कि हम इस समय तीनों प्रारूपों में जैसे तैसे संतुलन देख रहे हैं। फिर टी10 का भी दबाव है जिससे चार प्रारूप हो सकते हैं। पता नहीं कैसे चलेगा पर अभी तो चल रहा है। उन्होंने कहा कि एकदिवसीय विश्व कप क्रिकेट के लिए अहम है। यह ओलंपिक की ही तरह है। हर चार साल में विश्व कप खेलना। लॉस एंजिलिस में 2028 में होने वाले ओलंपिक में सौ से अधिक साल बाद क्रिकेट की वापसी होगी। सभी टेस्ट खिलाड़ियों के लिए समान मैच फीस की वकालत करते हुए वॉ ने कहा कि टेस्ट मैच खेलने वाले हर खिलाड़ी को समान पैसा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरी कोई नहीं सुनता लेकिन मैंने 1999 में एक लेख में यह बात कही थी। टेस्ट मैच में मैच फीस समान होनी चाहिए। विश्व क्रिकेटर्स संघ के एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि वैश्विक क्रिकेट राजस्व का 38.5 प्रतिशत बीसीसीआई को मिलता है। इसमें व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम पर भी बात की गई है जिससे खिलाड़ियों का कार्यभार प्रबंधन मुश्किल हो रहा है।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

Related Articles

Back to top button