एआईपीईएफ ने स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों की कैग से ऑडिट कराने की मांग की
एआईपीईएफ ने स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों की कैग से ऑडिट कराने की मांग की
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने ताप विद्युत स्टेशनों को सूखे ईंधन की कमी के दौरान आयातित कोयले के मिश्रण की मंजूरी दिए जाने के बाद स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों की नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) से ऑडिट कराने की मांग की।
एआईपीईएफ ने केंद्रीय विद्युत मंत्री आर के सिंह को लिखे एक पत्र में कहा कि आयातित कोयले के मिश्रण से बिजली के शुल्क में 1.15 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी होगी। एक बयान के अनुसार, “एआईपीईएफ ने विद्युत मंत्रालय द्वारा हाल ही में ताप विद्युत
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संयंत्रों को मौजूदा कोयला संकट के दौरान आयातित कोयले को 15 प्रतिशत तक मिश्रित करने की मंजूरी देने के आदेश के मद्देनजर आईपीपी (स्वतंत्र बिजली उत्पादकों या निजी संयंत्रों) के लिए कैग ऑडिट और एनर्जी ऑडिट की मांग की है।”
एआईपीईएफ के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने आयातित कोयले के सम्मिश्रण के कारण बिजली की लागत में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है।
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने कोयला आधारित सभी ताप विद्युत उत्पादन स्टेशनों को अपने दायित्वों के अनुसार कोयले का पर्याप्त भंडार बनाए रखने की सलाह दी है। एआईपीईएफ के अनुसार कोयले की कीमतों में वैश्विक वृद्धि के कारण आयातित कोयले की लागत में वृद्धि हुई है।
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