उप्र की भलाई के लिये नकली समाजवादियों का सत्ता से दूर रहना जरूरी : प्रधानमंत्री मोदी

उप्र की भलाई के लिये नकली समाजवादियों का सत्ता से दूर रहना जरूरी : प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली, 06 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी के जन चौपाल कार्यक्रम में कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, विकास और भाई-भतीजावाद को लेकर समाजवादी पार्टी की तीखी आलोचना करते हुये कहा कि उप्र की जनता ने तय कर लिया है कि चुनाव में विकास सबसे बड़ा मुद्दा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अखिलेश यादव के सपने वाले बयान को लेकर कहा कि भाजपा को एक बार फिर जनता का समर्थन मिलता देख लोग अब सपने में भगवान कृष्ण को देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि उप्र की भलाई के लिए इन नकली समाजवादियों और उनके साथियों का सत्ता से दूर रहना आवश्यक है। आज भी वे किसानों से झूठे वादे कर रहे हैं और गन्ना किसानों को झूठी बातें बताकर उकसाने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मथुरा, आगरा और बुलंदशहर के मतदाताओं को जन-चौपाल कार्यक्रम के जरिए वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुये कहा कि उप्र के लोगों ने दो टूक कह दिया कि कुछ लोग धन-दौलत, बाहुबल, जातिवाद, सांप्रदायिकता के दम पर कितनी भी राजनीति कर लें, लेकिन उन्हें लोगों का प्यार नहीं मिल सकता।

उन्होंने कहा कि जनता का आशीर्वाद तो उसे ही मिलेगा जो सेवा भावना से सेवक बनकर उप्र के लोगों की सेवा करेगा। उप्र के लोगों का विकास करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि के साथ की। उन्होंने पूर्व नियोजित कार्यक्रम का हवाला देते हुये कहा कि आप लोग मेरा इंतजार कर रहे थे, इसलिए मैं आपसे बात करने आया हूं। लोकतंत्र में भी यही कर्तव्य है।

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आगे उन्होंने कहा कि लताजी जैसी आत्माएं सदियों में कभी-कभार वरदान की तरह आती हैं। उन्होंने दुनिया भर में भारत की जो पहचान बनाई, उसने दुनिया को भारत को देखने का एक नया नजरिया दिया। लता जी के चाहने वाले पूरी दुनिया में पाए जाते हैं। मैं भारी मन से लता जी को नमन करता हूं।

अपने संबोधन में परिवारवाद को लेकर विपक्ष पर तंज कसते हुये उन्होंने कहा कि पहले परिवार की सरकार थी। अब पूरा राज्य भाजपा सरकार का परिवार है।

प्रधानमंत्री ने पूरवर्ती समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार पर निशाना साधते हुये कहा कि जो पहले सरकार में थे, उन्हें न तो आप लोगों की आस्था से मतलब रहा है और न आप लोगों की जरूरतों से। उनका सिर्फ एक ही एजेंडा रहा है- उप्र को लूटो। उन्हें उप्र के विकास से कोई वास्ता नहीं हैं, उन्हें बस सरकार बनाने से मतलब रहा है।

प्रधानमंत्री ने 2017 से पहले उप्र में सड़कों पर होने वाली लूट और महिलाओं की असुरक्षा के माहौल का जिक्र करते हुये कहा कि पिछली सरकार में अपराधियों के हौसले इतने बुलन्द थे कि हाइ-वे पर गाड़ी रोक कर लूट पाट की जाती थी। बीच हाइ-वे पर ही महिलाओं, बेटियों के साथ क्या होता था, यह बुलंदशहर के लोग अच्छी तरह जानते हैं।

इसी संदर्भ में आगे प्रधानमंत्री ने कहा कि तब उत्तर प्रदेश में घरों-दुकानों पर अवैध कब्जा होना आम बात थी। पहले लोगों को अपना घर छोड़कर भागने के लिये मजबूर होना पड़ता था। आप भली भांति जानते हैं कि आगरा दंगों के आरोपियों की रक्षा किसने की।

उन्होंने कहा कि पहले की सरकारें भय निर्माण में जुटी थी। भय निर्माण करना उनका काम था। हम भविष्य का निर्माण कर रहें हैं। अब रिकार्ड हाई-वे भी बन रहे हैं और उन हाइ-वेज पर लोग निडर होकर सफर भी कर रहे हैं। आज उप्र में बहनें-बेटियां कह रही हैं- पहले हमें घर से निकलने में लगता था डर, अब भाजपा राज में अपराधी कांपे थर-थर।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों का एक और पसंदीदा खेल होता था। सब मिलकर तिजोरियों को भरने का खेल खेलते थे। आज ऐसे लोगों का पूरा खेल बिगड़ गया है। पहले परिवार ही सरकार थी; अब पूरा उप्र भाजपा सरकार का परिवार है। परिवारवादी सरकारों के लिए सत्ता शासन का माध्यम थी। हमारे लिए सत्ता जनता की सेवा करने का रास्ता है। हम लगातार इसी उद्देश्य से काम कर रहे हैं। हमारी सरकार गांव, गरीब को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि गरीब के घरों को लेकर नकली समाजवादियों का क्या रवैया रहा है, यह आपको जरूर याद दिलाना चाहता हूं। आगरा, मथुरा और बुलंदशहर के शहरी क्षेत्रों में पिछली सरकार ने आठ हजार से भी कम घर गरीबों के लिए बनवाए थे। पिछले पांच साल में योगी जी की सरकार ने आगरा-मथुरा और बुलंदशहर में ही करीब 85 हजार घर बनाकर गरीबों को दिए हैं।

उन्होंने कहा कि उप्र का युवा भूला नहीं है कि कैसे इसी प्रदेश में पहले की सरकारों में नौकरी के लिए क्या योग्यता तय थी? क्या क्या खेल होते थे? कहां कहां से खेल होते थे? आज सब लोगों को पर्याप्त और समान अवसर मिल रहें है। उप्र में भाजपा सरकार ने युवाओं को रिकार्ड सरकारी नियुक्तियां दी हैं।

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