आप्रवासन की वजह से 2070 तक बढ़ती रहेगी फिनलैंड की जनसंख्या…

आप्रवासन की वजह से 2070 तक बढ़ती रहेगी फिनलैंड की जनसंख्या…

हेलसिंकी, 26 अक्टूबर। इन दिनों अधिकांश यूरोपीय देश या तो अपनी गिरती हुई जनसंख्या से परेशान हैं या स्थिर हो चुकी जनसंख्या से परेशान हैं। लेकिन स्कैंडिनेवियन देश फिनलैंड की हालत इससे इतर है। फिनलैंड के सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी ताजा अनुमान के मुताबिक देश में आव्रजन के कारण फिनलैंड की आबादी 2070 तक लगातार बढ़ती रहेगी।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, 21वीं सदी के मध्य के बाद देश के बच्चों और कामकाजी आयु वर्ग के व्यक्तियों की संख्या में कमी आएगी। इससे देश की आबादी बूढ़ी होती जाएगी।

इस रिपोर्ट में फिनलैंड की जनसंख्या 2070 तक 6.5 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद जताई गई है। लेकिन इसके बावजूद देश के 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों की संख्या 832,000 से घटकर 700,000 रह जाएगी। कामकाजी आयु वर्ग की आबादी अभी वर्तमान में लगभग 3.46 मिलियन है। यह 2050 का दशक आते-आते 3.84 मिलियन तक पहुंच जाएगी। इसके बाद देश की जनसंख्या में गिरावट आएगी।

फिनलैंड के वरिष्ठ सांख्यिकीविद् मार्कस रापो ने कहा कि उच्च आप्रवासन इस वृद्धि का मुख्य कारण है, लेकिन यह बढ़ते जनसांख्यिकीय समर्थन अनुपात को नहीं रोक पाएगा। यह गैर-कामकाजी व्यक्तियों और श्रमिकों के अनुपात को मापता है। वर्तमान में यह 62 है। हालांकि, वृद्ध आबादी बढ़ने के साथ यह अनुपात 2070 तक बढ़कर 72 हो जाएगा।

बताया जा रहा है कि देश में हो रहे लगातार आप्रवासन की वजह से इन प्रभावों में देरी होगी। फिर भी देश की जन्म दर में कमी एक चुनौती बनी रहेगी। 2024 लगातार सातवां साल होगा जब फिनलैंड में 50,000 से कम बच्चे पैदा होंगे।

रापो ने आगे कहा कि देश में अगर जन्म दर लंबे समय तक कम रही तो इसका असर भविष्य में भी देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि शुरुआत में इसका असर जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या पर पड़ेगा, जबकि लंबे समय में इससे बच्चा पैदा करने वाली महिलाओं की संख्या भी कम हो जाएगी।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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