आतंकी सबाउद्दीन को राष्टीय उलेमा कौंसिल ने बताया निर्दोष, एसआईटी गठित कर जांच की मांग..
आतंकी सबाउद्दीन को राष्टीय उलेमा कौंसिल ने बताया निर्दोष, एसआईटी गठित कर जांच की मांग..
-कानूनी सहायता भी उपलब्ध करायेगी उलेमा कौंसिल
–आजमगढ़ को बदनाम करने के लिए फैलाया जा रहा प्रोपोगंडा

आजमगढ़, 12 अगस्त। राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल ने यूपी एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए आईएसआईएस के आतंकी सबाउद्दीन को कानूनी सहायता देने का फैसला किया है।
सबाउद्दीन के परिवार से मिलने के बाद उलेमा कौंसिल के नेताओं ने उसे निर्दाेष करार दिया। नेताओं ने कहा कि आजमगढ़ को एक बार फिर बदनाम करने के लिए प्रोपेगंडा फैलाया जा रहा है। उन्होंने एसआईटी गठित कर जांच की मांग की है। राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल इसके पूर्व भी आतंकियों को निर्दाेष साबित करने के लिए कानूनी सहायता उपलब्ध भी करा चुकी है।
बता दें कि 03 अगस्त 2022 को यूपी एटीएस ने मुबारकपुर कस्बा के अमिलो मुहल्ला निवासी सबाउद्दीन को गिरफ्तार किया था। एटीएस के मुताबिक सबाउद्दीन आईएआईएस का आतंकी है। उसने स्वतंत्रता दिवस पर देश में बड़े धमाकों की साजिश रची थी।
अब इस मामले में राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल कूद पड़ी है। उलेमा कौंसिल का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी के पुत्र होजैफा आमिर रशादी के नेतृत्व में सबाउद्दीन के घर पहुंचा था। होजैफा आमिर रशादी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र नेता है, साथ ही उन्होंने आजमगढ़ जिले से अभी हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा में चुनाव में वे राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल से चुनाव भी लड़ चुके हैं। प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेता परिवार के लोगों से बातचीत की उन्हें कानूनी सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
राष्ट्रीय उलेमा कौसिल के युवा प्रदेश अध्यक्ष नुरूल हुदा ने मुलाकात के बाद कहा कि परिजनों व परिचितों और मोहल्ले के लोगों से बात हुई है। सबाउद्दीन बेगुनाह है। उन्होंने कहा कि यह आजमगढ़ को बदनाम करने के लिए एक प्रोपोगंडा है। जिस तरह से वर्ष 2008 में बटला हाउस कांड में कांग्रेस सरकार और एटीएस की मिलीभगत से आजमगढ़ को आतंकगढ़ तक कहा गया।
नुरूल हुदा ने दावा किया कि आतंकवाद के केस में जितने भी नौजवान पकड़े गए, उसमें से 99.9 प्रतिशत कोर्ट से निर्दोष साबित होकर बरी हुए। उन्होंने कहा कि पार्टी का मानना है कि पहले इसकी जांच होनी चाहिए थी लेकिन उसे आतंकी ठहरा दिया गया। एटीएस ने तीन अगस्त को घर से उठाया, लेकिन कोई वीडियाेग्राफी नहीं हुई और नौ अगस्त को गिरफ्तारी दिखाई जा रही है तो कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है। उन्होंने कहा कि कौंसिल यह चाहती है कि एक एसआईटी का गठन किया जाय और इसकी जांच की जाए।
दीदारे ए हिन्द की रिपोर्ट